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क्या RJD में खत्म होगा परिवारवाद? क्या लालू के बाद कोई बाहरी बनेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष?

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Bihar Election: बिहार में इस साल के अं​त में विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को मजबूत किया जा रहा है। प्राथमिक इकाई और पंचायत इकाई के चुनाव सम्पन्न होने के साथ ही आरजेडी के सांगठनिक चुनाव का पहला चरण पूरा हो गया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव की तारीख का ऐलान

दूसरे चरण में 31 मई से शुरू हो गया है। इसमें प्रखंड कमेटियों का चुनाव हो रहा है। इसके बाद 5 जून से शुरू होने वाले तीसरे चरण में जिला कमेटियों का चुनाव होने वाला है। 14 जून से प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 24 को राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की सूची के अंतिम जारी होने के बाद शुरू होगी। पांच जुलाई को राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होगा।

क्या आरजेडी परिवारवाद की छवि तोड़ने की कोशिश करेगी

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति दुरुस्त करने में जुटे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर एक बार फिर “परिवारवाद” का आरोप चर्चा में है। लालू प्रसाद यादव वर्षों से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और अब स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय राजनीति से लगभग दूर हैं। सवाल यह उठता है कि क्या आरजेडी इस बार नेतृत्व में कोई नया चेहरा लाकर परिवारवाद की छवि तोड़ने की कोशिश करेगी?

कौन बनेगा आरजेडी का नया अध्यक्ष?

हालांकि, मौजूदा हालातों को देखते हुए इसकी संभावना कम ही नजर आती है। पार्टी में तेजस्वी यादव ही फिलहाल स्पष्ट उत्तराधिकारी के रूप में उभरे हैं और उन्हें ही सीएम पद का चेहरा माना जा रहा है। आरजेडी का संगठन भी काफी हद तक परिवार-केंद्रित बना हुआ है, जिसमें राबड़ी देवी, मीसा भारती और तेज प्रताप यादव की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

पार्टी नेतृत्व में कोई बड़ा बदलाव फिलहाल संभव नहीं

अगर आरजेडी वाकई में अपनी पारंपरिक छवि से बाहर निकलना चाहती है, तो उसे संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कर योग्य नेताओं को अवसर देना होगा। लेकिन आगामी चुनाव को देखते हुए पार्टी नेतृत्व में कोई बड़ा बदलाव फिलहाल संभव नहीं दिखता, और लालू परिवार ही मुख्य केंद्र बना रहेगा।

लालू प्रसाद यादव कब से हैं आरजेडी के अध्यक्ष

लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की स्थापना की थी और तभी से वे इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने जनता दल से अलग होकर यह पार्टी बनाई थी, और तब से लेकर अब तक वे लगातार पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। अक्टूबर 2022 में उन्हें 12वीं बार निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पार्टी में उनका नेतृत्व निर्विवाद और स्थायी रहा है।

पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी

हालांकि, 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों से पहले आरजेडी में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों पर है। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और अब तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना प्रबल हो गई है। तेजस्वी पहले से ही पार्टी का चेहरा बने हुए हैं, और अब उनके संगठनात्मक रूप से भी राष्ट्रीय नेतृत्व संभालने के आसार हैं।

जानिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय

हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि लालू प्रसाद यादव का अनुभव और मार्गदर्शन अभी भी पार्टी के लिए अनमोल है। इसलिए, यह संभव है कि वे संरक्षक की भूमिका में रहें, जबकि तेजस्वी यादव संगठनात्मक जिम्मेदारियां संभालें। इस प्रकार, आरजेडी में नेतृत्व का यह संभावित परिवर्तन पार्टी को नई दिशा देने के साथ-साथ लालू यादव के अनुभव का लाभ उठाने की रणनीति हो सकती है।

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