Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

भारतीय टीम में गेंदबाजों की जगह क्यों बढ़ी ऑलराउंडर्स की भूमिका? बल्लेबाजी कोच कोटक ने किया बचाव

By
On:

नई दिल्ली : भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज में टीम में विशेषज्ञ गेंदबाज की जगह ऑलराउंडर्स को तरजीह देने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि मैच जीतने के लिए 20 विकेट लेना जितना जरूरी है उतना ही जरूरी बड़ा स्कोर खड़ा करना भी है।

भारत के प्रमुख स्पिनर कुलदीप यादव सीरीज के दौरान बेंच पर बैठे रहे, क्योंकि टीम ने विकेट लेने वाले गेंदबाज के बजाय ऑलराउंडर्स को प्राथमिकता दी। इस सीरीज के मैचों में शार्दुल ठाकुर और नीतीश कुमार रेड्डी भारत के आठवें क्रम के बल्लेबाज रहे हैं। शार्दुल ने ओल्ड ट्रैफर्ड में 11 ओवर फेंके और पहली पारी में 41 रनों की अहम पारी खेली।

कोटक के जवाब से लगा कि टीम गुरुवार से शुरू हो रहे पांचवें टेस्ट मैच में भी इसी संयोजन के साथ मैदान पर उतरेगी। उन्होंने कहा, 'देखिए, मैच जीतने के लिए आपको बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का संतुलन चाहिये होता है। जैसे 20 विकेट लेना जरूरी है उसी तरह 550-600 रन बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।'

कोटक ने कहा, 'हमने एजबेस्टन में इसलिए जीत हासिल की क्योंकि हमने उतने रन बनाए थे। ऐसे में दोनों में संतुलन रखना जरूरी है। अगर कप्तान और कोच और टीम प्रबंधन को लगता है कि एक गेंदबाज को बढ़ाना फायदेमंद होगा, तो वे ऐसा करेंगे।' बल्लेबाजी कोच ने कहा कि रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के रूप में दो स्पिन ऑलराउंडर होने के कारण शार्दुल जैसे छठे गेंदबाजी विकल्प को कम ओवर मिलने की संभावना है।

उन्होंने कहा, 'जब आप पांच गेंदबाजों के साथ खेलते हैं, तो सभी गेंदबाज लगभग बराबर ओवर डालते हैं। लेकिन जब छह गेंदबाजों के साथ खेलते हैं, तो कुछ गेंदबाजों को कम ओवर मिलेंगे। ऐसे में आपके पास अगर छठा गेंदबाज ऑलराउंडर्स है तो आप जानते हैं कि वह बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान देगा।'

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News