उल्लू को सिर्फ रात में क्यों दिखाई देता है! दिन में क्यों नहीं? आईए जानते हैं…, आपने कई सारे जानवरों के बारे में पढ़ा और सुना होगा लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे भी जानवर है जिन्हें दिन में नहीं सिर्फ रात में दिखाई देता है। उसी में से एक है उल्लू! आईए जानते हैं क्यों?
1. आँखों की विशेषता:
- बड़ी पुतली: उल्लू की आँखों में मानव आँखों की तुलना में बहुत बड़ी पुतली होती है।
- प्रकाश संवेदक कोशिकाएं: उनकी आंखों में “रॉड” नामक प्रकाश संवेदक कोशिकाओं की संख्या अधिक होती है, जो कम रोशनी में भी बेहतर देखने में मदद करती हैं।
- प्रतिबिंबित करने वाली परत: उनकी आंखों में “टेपेटम ल्यूसिडम” नामक एक विशेष परत होती है, जो प्रकाश को वापस रेटिना पर परावर्तित करती है, जिससे उन्हें कम रोशनी में भी अधिक प्रकाश प्राप्त होता है।
2. शिकार:
- रात में सक्रिय शिकार: उल्लू के शिकार, जैसे चूहे, चमगादड़ और कीड़े, ज्यादातर रात में सक्रिय होते हैं।
- छुपाव: अंधेरे में उनका भूरा और काला पंख उन्हें शिकारियों से छिपने में मदद करता है।
ये भी पढ़े- नई टेक्नोलॉजी वाले फीचर्स के साथ पेश है Hero Splendor Xtec 2.0, कम कीमत में स्टाइलिश लुक भी…
3. शारीरिक अनुकूलन:
- तेज कान: उनके कान बेहद संवेदनशील होते हैं, जो उन्हें अंधेरे में भी शिकार की गतिविधि सुनने में मदद करते हैं।
- चुप उड़ान: उनके पंखों में नरम पंख होते हैं जो उड़ान के दौरान बहुत कम आवाज करते हैं, जिससे उन्हें शिकार पर छापा मारने में मदद मिलती है।
4. विकासवादी अनुकूलन:
- रात्रिचर जीवनशैली: हजारों वर्षों के विकास के दौरान, उल्लू ने रात में देखने और शिकार करने की क्षमता विकसित की है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ उल्लू प्रजातियां, जैसे कि बर्फीले उल्लू, दिन में भी सक्रिय हो सकती हैं।