बैतूल:- जिले की तहसील भैंसदेही अंतर्गत ग्राम ठेसका के पास स्थित शिवधाम बारहलिंग धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। यह वही स्थल है जहां भगवान श्रीराम, माता जानकी और लक्ष्मण अपने वनवास काल में आए थे। ब्रिटिश शासनकाल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस स्थान की यात्रा की थी, किंतु आज यह स्थान प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना हुआ है।
1. जन सहयोग से वर्षों से इस तीर्थ स्थल का संवर्धन कर रहे रामकिशोर पवार ने कलेक्टर बैतूल नरेन्द्र सूर्यवंशी से इस तीर्थ स्थल के निरीक्षण की अपील की है। उनका कहना है कि कलेक्टर साहब ने अपने कार्यकाल में एक बार भी इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा नहीं किया, जबकि यहां हर साल ताप्ती जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होता है। इस वर्ष यह आयोजन 2 जुलाई, बुधवार को प्रस्तावित है।
2. रामकिशोर पवार ने जानकारी दी कि उन्होंने पूर्व विधायक धरमू सिंह सिरयाम से प्रयास कर लगभग 13 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन की स्वीकृति करवाई थी, वहीं 6 लाख रुपये की लागत से शौचालय भी स्वीकृत हुआ था। लेकिन अफसोस की बात है कि ग्राम पंचायत केरपानी और जनपद पंचायत भैंसदेही ने आज तक इस भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं करवाया और न ही इसे आम जनता को समर्पित किया है।
3. वर्तमान स्थिति यह है कि इस तीर्थ स्थल पर न बिजली की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की सुविधा है। जिस सामुदायिक भवन की राशि स्वीकृत हुई थी, उसका निर्माण भी निर्धारित मानकों के अनुसार नहीं हुआ है। रामकिशोर पवार ने पंचायत के सहायक सचिव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उस पर पहले से कई शिकायतें हैं, बावजूद इसके उसे न हटाया गया और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की गई है। उन्होंने सचिव पर सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि कलेक्टर अवैध कॉलोनियों और खनिज माफियाओं पर तो लगातार कार्रवाई करते हैं, लेकिन धार्मिक तीर्थस्थलों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आशा जताई कि कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी इस स्थल का निरीक्षण कर सच्चाई अपनी आंखों से देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
जहां आए थे भगवान राम और महात्मा गांधी, वहां न बिजली है न पानी, शिवधाम बारहलिंग में 2 जुलाई को ताप्ती जन्मोत्सव, सुविधाओं की भारी कमी

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