वाशिंगटन। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को बैठक के लिए अलास्का पहुंचे थे, तो इस यात्रा में बहुत सी चीजें खास थीं। इनमें से एक दिलचस्प बात ये थी कि उन्हें अपने जेट विमानों में अमेरिका की धरती पर ही ईंधन डलवाना पड़ा। मजे की बात ये है कि वह आए तो थे एक समझौते के लिए लेकिन उन्हें यहां भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा और ये रिफ्यूलिंग कराने के लिए पुतिन की टीम को नगद पैसे देने पड़े।
15 अगस्त की तारीख ऐतिहासिक थी जब करीब चार साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी समझौते के लिए व्लादिमीर पुतिन अमेरिका आए थे। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ और खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनकी अगुवाई करने पहुंचे थे। हालांकि रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों के चलते उनकी टीम रूसी जेट विमानों की रिफ्यूलिंग अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली का इस्तेमाल करके नहीं कर पाई।
इसकी जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो ने एक इंटरव्यू में दी। उन्होंने बताया कि जब रूस के विमान अलास्का में उतरे तो उन्हें ईंधन भरवाने के लिए नकद भुगतान करना पड़ा। वे हमारे बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। बता दें पुतिन की टीम ने कुल 250,000 डॉलर यानि भारतीय मुद्रा में 2.2 करोड़ रुपए का ईंधन भराया था। पुतिन की टीम अलास्का में 5 घंटे रुकी थी। इसके लिए वे नगद राशि लेकर आए थे। मार्को रुबियो ने यह बात रूस पर लगे प्रतिबंध और इसके असर के संदर्भ में कही। उन्होंने कहा है कि रूस पर लगा हर प्रतिबंध आज भी प्रभावी है और उसका असर रूस को झेलना पड़ रहा है।
बता दें जब से रूस-यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है, तब से अमेरिका ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं लेकिन रूस पर इसका कोई खास असर दिखाई नहीं देता, तभी अमेरिका इन सैंक्शंस को उन देशों पर भी लगा रहा है, जो उससे व्यापार कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी माना कि इन प्रतिबंधों के बावजूद रूस की नीतियों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। यही वजह है कि ट्रंप सरकार रूस पर और प्रतिबंध नहीं लगा रहा है क्योंकि इसका कोई तात्कालिक असर नहीं दिखाई देता।
बता दें अलास्का में हुई दोनों नेताओं की बैठक के बाद वॉशिंगटन में एक मल्टीलेटरल बैठक भी हुई थी, जिसमें यूरोपीय नेता और खुद जेलेंस्की भी शामिल हुए थे। बातचीत में यूक्रेन की दीर्घकालिक सुरक्षा की गारंटी पर चर्चा हुई। जेलेंस्की ने कहा कि वह पुतिन से सीधी बातचीत के लिए तैयार हैं। ट्रंप-जेलेंस्की और पुतिन की मुलाकात के लिए फिलहाल जगह और तारीख तय की जा रही है।
जब रुसी विमानों को अमेरिका में भरवाना पड़ा ईंधन, करना पड़ा नगद भुगतान

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