Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

क्या है पितृ दोष? कुंडली में कैसे होता है इसका निर्माण?

By
On:

हमारे जीवन में कई बार ऐसा होता है कि बहुत मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती. कभी आर्थिक परेशानी, तो कभी परिवार में कलह या संतान से जुड़ी दिक्कतें सामने आती हैं. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में एक कारण बताया गया है – पितृ दोष. जब किसी जातक की कुंडली में इस दोष का निर्माण होता है तो इंसान को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है. अपने पितरों को सम्मान देना, उनका स्मरण करना और उनके अधूरे काम पूरे करना ही सच्चा समाधान है. .

पितृ दोष होता क्या है?
पितृ दोष का मतलब है – हमारे पूर्वजों की आत्मा की कोई अधूरी इच्छा, अशांति या उनका कोई ऐसा कर्म, जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ता है. जब हमारे पितृ यानी पूर्वज संतुष्ट नहीं होते या उनके क्रियाकर्म पूरे ढंग से नहीं होते, तब यह दोष कुंडली में दिखाई देता है.

पितृ दोष कुंडली में कैसे बनता है?
ज्योतिष के अनुसार, जब कुंडली में नवम भाव यानी 9वां भाव जो हमारे पूर्वजों और भाग्य से जुड़ा होता है, उस पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव पड़ता है, तब पितृ दोष बनता है. खासकर अगर सूर्य, राहु, शनि या केतु जैसे ग्रह इस भाव को प्रभावित कर रहे हों तो यह दोष बन सकता है.

इसके अलावा अगर
-श्राद्ध, तर्पण या पितृ पूजन समय पर न किया जाए.
-किसी पूर्वज का अंतिम संस्कार विधिपूर्वक न हुआ हो.
-पूर्वजों ने कोई ऐसा पाप किया हो जो बिना प्रायश्चित के रह गया हो.
-तो ये सभी बातें मिलकर पितृ दोष का कारण बनती हैं.

पितृ दोष के लक्षण क्या होते हैं?
अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष होता है तो उनके जीवन में कुछ विशेष समस्याएं बार-बार देखने को मिलती हैं-

-बार-बार नौकरी या व्यापार में नुकसान.
-विवाह में देरी या रिश्तों में रुकावट.
-संतान प्राप्ति में समस्या.
-परिवार में अक्सर झगड़े या बीमारियां.
-मानसिक तनाव या बेवजह डर.

पितृ दोष से बचाव के उपाय क्या हैं?
अब सबसे जरूरी बात – अगर पितृ दोष हो गया है तो क्या इसका हल है?
जी हां, कुछ सरल उपायों से इसे शांत किया जा सकता है-

-पितृ पक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें.
-हर अमावस्या को पितरों के नाम पर जल, काले तिल और पुष्प अर्पित करें.
-गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की मदद करना भी पितृ दोष निवारण में सहायक है.
-शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें.
-किसी योग्य ब्राह्मण से कुंडली दिखाकर विशेष पूजा जैसे पितृ दोष निवारण पूजा करवाएं.

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News