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हेमंत खंडेलवाल की कप्तानी में कौन से बदलाव?, क्या मुख्यालय में फिर लगेगी मंत्री जी की हाजिरी

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भोपाल: पदभार ग्रहण करने के साथ कार्यकर्ताओं को अनुशासन की घुट्टी पिला चुके बीजेपी के नए प्रदेश अध्यश्र हेमंत खंडेलवाल ने बीजेपी जिलाध्यक्षों के साथ हुई बैठक में कहा है कि विधायक, मंत्रियों को भी पार्टी के जिला मुख्यालय बुलाएं. क्या इसे मध्य प्रदेश बीजेपी में 2003-04 के दौर की वापसी के तौर पर देखा जाए जिसमें मंत्रियों का सप्ताह में से एक दिन निर्धारित किया गया था. वे हफ्ते में एक दिन बीजेपी मुख्यालय में बैठते थे और कार्यकर्ताओं की समस्याओं का निपटारा करते थे. क्या 25 साल बाद फिर एक बार मध्य प्रदेश के बीजेपी मुख्यालय में मिनिस्टर डे शुरू होगा.

क्या फिर से मुख्यालय में होगा मिनिस्टर डे ?

मध्य प्रदेश बीजेपी के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का सत्ता और संगठन के समन्वय पर जोर है. समन्वय की एक महत्वपूर्ण कड़ी ये होती है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं की अनदेखी ना हो. लंबे समय से पार्टी में इस तरह का कोई सिस्टम नहीं है कि जिसमें मंत्रियों पर कार्यकर्ताओं की हर बात सुनने की बाध्यता हो.

 

 

2003-04 में जरूर संगठन महामंत्री कप्तान सिंह सोलंकी ने इस तरह का सिस्टम पार्टी में बनाया था जिससे कार्यकर्ताओं की सरकार में सीधे सुनवाई हो. सिस्टम भी ऐसा बनाया गया था कि कार्यकर्ताओं को मंत्रियों के दरवाजे पर न जाना पड़े. बल्कि मंत्री बीजेपी मुख्यालय में आकर कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनें.

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, "उस समय जो प्रयोग किया गया था, उसके पीछे वजह ये थी कि सरकार में बैठे विधायक और मंत्रियों को ये अहसास रहे कि वो जिस भी मुकाम पर पहुंचे हैं इन कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से. इसके साथ ही मंत्रियों के भीतर भी ये भाव बना रहता था कि सत्ता में हैं लेकिन संगठन सर्वोपरि है और कार्यकर्ता देवतुल्य. जिस तरह नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने मंशा जताई है कि विधायकों को भी जिला कार्यालय बुलाया जाए तो मुमकिन है कि ये सिलसिला आगे बढ़े और सत्ता संगठन के मजबूत समन्वय के लिए बीस साल पहले किया गया प्रयोग दोहराया जाए."

नए अध्यक्ष के साथ नई टीम क्या बदलेगा सिस्टम भी

मध्य प्रदेश में बीजेपी के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जिलाध्यक्षों के साथ हुई चर्चा में ये स्पष्ट कर दिया है कि अब पार्टी में बदलाव केवल टीम के स्तर पर ही नहीं होगा. कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक सबको फंक्शनिंग में भी बदलाव लाना होगा. खंडेलवाल ने कहा है कि कार्यकर्ताओं से कनेक्ट मजबूत होना चाहिए और दूसरा सरकार और संगठन का समन्वय सबसे मजबूत हो, इस पर ध्यान देने की जरूरत है.

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा हेमंत खंडेलवाल में दिखती है कैलाश जोशी की छवि

माना जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी ने नब्बे फीसदी के बदलाव के साथ अब हेमंत खंडेलवाल पार्टी के दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जोशी की कार्यशैली के अंदाज में काम करेंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए ये कहा भी कि उनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जोशी की छवि दिखाई देती है. उधर हेमंत खंडेलवाल ने जिलाध्यक्षों को स्पष्ट कर दिया है कि अब उनका ज्यादा समय कार्यकर्ताओं से के साथ संवाद और प्रवास में बीतना चाहिए. इशारों में ये भी स्पष्ट कर दिया कि अध्यक्ष जी के खास वाले दिन लद गए. पार्टी का हर कार्यकर्ता विशिष्ट है.

तब वीक में दो दिन मुख्यालय में बैठते थे मंत्री

2003 के विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता आई थी. 2004 में पार्टी में कई प्रयोग हुए थे. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जोशी और संगठन महामंत्री कप्तान सिंह सोलंकी ने ये तय किया था कि उमा भारती सरकार के मंत्री हफ्ते में दो दिन बीजेपी मुख्यालय में आएंगे और कार्यकर्ताओं को समय देंगे. दिन के एक निश्चित समय पर मंत्री बीजेपी मुख्यालय में आते थे और पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का हाथ के हाथ निपटारा करते थे.

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