Water Crisis : बूँद – बूँद को तरस रहे ग्रामीण, 2 किलोमीटर पैदल चलकर ला रहे पानी 

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चिचोली (राजेंद्र दुबे)-शुद्ध पानी के दावों के बीच बूंद बूंद पानी को तरसते कहुपानी टाडर के ग्रामीण अपने अपने इलाके की हकीकत बयां कर रहे हैं यहां ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझ रहे हैं अपनी प्यास बुझाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर एक हैंडपंप पर निर्भर है।

विकास खण्ड चिचोली के पाठाखेडा पंचायत के कहुपानी टाडर मे जलसंकट गहराया है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। भू-जल स्तर के कम होने से हैंडपंपों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके चलते ग्रामीणों को निस्तारी एवं पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पानी के लिए दूर-दूर भटकना पड़ रहा है। लोगों को पानी के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ रही है। इससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है उपर से महुआ ,एंव खेतो मे फसल कटनी के समय मे कडकाती घुप मे दो किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाने पड़ता है । इस गाँव में हैंडपंपों के अलावा और कोई जलस्रोत नहीं हैं। कई किलोमीटर से दूर से खेतों में स्थित कुआंे से पानी की व्यवस्था करने मजबूर हैं। क्षेत्र के जिम्मेदारों द्वारा जलसंकट से छुटकारा दिलाए जाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। जिससे लोगों में रोष पनप रहा है।

गावँ से दो किलोमीट स्थित हेण्ड पंप पर लोग पानी भरने पहुंच रहे हैं। जहां वर्तनों की लंबी-लंबी कतारें लगी देखीं जा सकती हैं। कहुपानी टाडर निवासी केशु सलामे,सम्मुलाल ,हरिश परते ,मनोहरी मर्सकोले ,गोलमन उईके ,मोटुमर्सकोले ने बताया कि कहुपानी टाडर मे एक हेण्ड पप के भरोषे है वह भी गावँ से दो किलोमीटर पैदल चलकर पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ रही है जिस में भी सुबह से ही भीड़ लगना शुरू हो जाती है हेण्ड पंप बर्तन रखकर घंटों इंतजार करना पड़ता है, कई बार देर रात तक पानी के लिए भटकना पड़ता है। तब जाकर पीने का पानी उपलब्ध हो पाता है। ग्रामीणों ने मांग की है भीषण गर्मी में पानी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाए। जिससे लोगों को परेशानी।

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