बुजुर्गों से मिलकर मानसरोवर स्कूल के बच्चे हुए भावुक, समर कैंप के दौरान वृद्धाश्रम का किया भ्रमण
बैतूल – स्कूलों में पढ़ाई के साथ बच्चों को संस्कार मिले इसी उद्देश्य से समर कैंप के दौरान द मानसरोवर स्कूल के बच्चों को मातोश्री वृद्धाश्रम का भ्रमण कराया गया, जहां बुजुर्गों से मिलकर बच्चे भावुक हो गए।
समर कैंप के दौरान आज कक्षा पहली से नवमीं तक के 50 बच्चे मातोश्री वृद्धाश्रम पहुंचे। इन बच्चों ने सबसे पहले बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया और उन्हें फल वितरित किए। साथ ही उनको भोजन कराया। आश्रम पहुंचे बच्चे बुजुर्गों से इतने घुलमिल गए कि उनसे बातचीत की साथ ही उन्हें खुश करने के लिए गेम खेले और उनके साथ नृत्य भी किया।
बुजुर्ग भी इन बच्चों से मिलने के बाद भावुक हो गए और उन्होंने बच्चों को आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
द मानसरोवर स्कूल के चेयरमेन डॉ. विनय सिंह चौहान ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि बच्चों को पढ़ाई के साथ अच्छे संस्कार मिलें और इसी उद्देश्य को लेकर हमने समर कैंप के दौरान बच्चों को मातोश्री वृद्धाश्रम का भ्रमण कराया। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यही था कि बच्चों को अपने माता-पिता का महत्व समझ में आए और वे उन्हें ईश्वर तुल्य माने, क्योंकि माता-पिता ही बच्चों के प्रथम गुरू होते है।
डॉ. चौहान ने बताया कि जब बुजुर्गों ने इन बच्चों को देखा तो वे गदगद हो गए और वे भी बच्चों की तरह इन बच्चों के साथ खेलने लगे। आश्रम के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए बच्चों ने बहुत ही इंजाय किया। इस दौरान डॉ. विनय चौहान ने ओ मॉ वाला गाना गाकर माहौल को भावुक कर दिया। मातोश्री आश्रम के संचालक मनोज बिस्ट ने स्कूल के बच्चों और प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे अवसर कम ही आते है, जब आश्रम के बुजुर्ग भावुक हो जाते है।
आज इन बच्चों के बीच उन्होंने अपने बच्चों का रूप देखा और वो सब कुछ भूलकर बच्चों के बीच घुलमिल गए। उनके साथ खेले, नाचे और गाए। भ्रमण के दौरान डॉ. चौहान के अलावा उनकी माता श्रीमती राजकुमारी चौहान, डायरेक्टर लीलाराम सरले, श्रीमती आरती सरले, पंकज साबले, श्रीमती पुष्पलता साबले, प्रिंसिपल श्रीमती स्वाती खेमरिया के अलावा स्कूल के टीचर भी मौजूद थे।