Vastu Tips : वास्तु शास्त्र में, जूते को घर में एक महत्वपूर्ण वस्तु माना जाता है। जूतों का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में आवश्यक होता है और इनका सम्बंध हमारे शरीर के साथ बनता है। इसलिए, जूतों का सही रूप से रखना वास्तु द्रष्टि से महत्वपूर्ण होता है। वास्तु शास्त्र में, जूते के संबंध में कुछ मान्यताएं और नियम हैं जो जूते को रखने से सम्बन्धित हैं। यहां जूते से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की जा सकती है:
पुराने जूते और फटे हुए जूते: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पुराने जूते और फटे हुए जूते शुभ नहीं माने जाते हैं। इसलिए पुराने और फाटे हुए जूते पहनने से बचे.
जूते उपहार न दें : वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी मान्यताएं हैं, जिनके अनुसार जूते उपहार में देने या लेने को अशुभ माना जाता है। इस नियम का विशेष ध्यान रखा जाता है, खासकर जब जूते व्यक्ति के पैरों को चित्रित करते हैं, क्योंकि पैर व्यक्ति की गतिविधियों और उनके आर्थिक संबंधों का प्रतीक होते हैं। इसलिए, जूते को उपहार में देने या लेने को सही नहीं माना जाता है।
मिलेगी असफलता : वास्तु शास्त्र में कुछ मान्यताएं हैं जिनके अनुसार फटे हुए जूते पहनने से आपको असफलता का सामना करना पड़ सकता है। इस मान्यता के अनुसार, फटे हुए जूते नकारात्मकता और निराशा का प्रतीक माने जाते हैं और इसलिए इन्हें नौकरी या प्रोफेशनल कार्य में पहनने से बचना चाहिए।
वास्तु शास्त्र में कार्यालय या कार्यक्षेत्र में कुछ मान्यताएं हैं जिनके अनुसार भूरे रंग के जूते अशुभ माने जाते हैं। यह मान्यता कहती है कि भूरे रंग के जूते पहनने से आपको कार्यों में बाधाएं और संकट प्राप्त हो सकती हैं।
अक्सर कई लोग बाहर से आकर अपने जूते-चप्पल इधर-उधर फेंकते हैं. वास्तुशास्त्र के अनुसार यह बहुत गलत माना जाता है इस कारण से दुश्मन आपको हमेशा परेशान करेंगें और काम में भी बाधा उत्पन्न होती हैं.