US Tariffs: अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का बोझ झेल रहे भारत ने अब नया रास्ता तलाश लिया है। अब भारत टैरिफ में कमी की उम्मीद में नहीं रहेगा, बल्कि नए देशों में व्यापार के अवसर तलाशने पर ध्यान देगा। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने इसके लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। वाणिज्य मंत्रालय लगातार अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव का आकलन कर रहा है और अक्टूबर तक यह साफ हो जाएगा कि किन-किन उद्योगों पर इसका कितना असर पड़ा है।
ब्रिटेन को जाएगा लेदर और टेक्सटाइल
सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय की टीम लगातार देशों के हिसाब से उन उत्पादों की लिस्ट तैयार कर रही है जिन्हें वहां एक्सपोर्ट किया जा सके। इसमें खास तौर पर ब्रिटेन को लेदर और टेक्सटाइल निर्यात करने की योजना बनाई जा रही है। इसके अलावा कई अन्य देशों के बाज़ारों को भी बारीकी से समझा जा रहा है।
उद्योगों से लगातार संपर्क
केंद्र सरकार का फोकस है कि किसी भी उद्योग को नुकसान न हो। इसके लिए वाणिज्य मंत्रालय लगातार ट्रेड एसोसिएशन और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के संपर्क में है। उद्योग जगत से सुझाव लिए जा रहे हैं ताकि बेहतर रणनीति बनाई जा सके और भारत का निर्यात नए बाज़ारों में बढ़ाया जा सके।
FTA पर काम जारी
भारत अब फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में भारत का FTA प्रक्रिया ओमान, यूरोपीय संघ, पेरू और चिली के साथ चल रही है और अगले कुछ महीनों में इस पर सहमति बनने की संभावना है।
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ट्रंप की सफाई
बीते सोमवार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया कि भारत ने अब टैरिफ घटाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यह काफी देर से किया गया कदम है। उन्होंने कहा कि भारत को यह सालों पहले करना चाहिए था। विश्लेषकों का मानना है कि भारत के न झुकने से ट्रंप की रणनीति हिल गई है, जिसके चलते अब अमेरिका नए विकल्प तलाशने की बात कर रहा है।





