पहले बनीं IPS और फिर IAS बन कर किया पिता का सपना पूरा
UPSC Success Story में आज हम आपको एक ऐसी महिला IAS की सफलता के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पढ़ कर कई युवाओं को मोटिवेशन मिलेगा और वो अपने लक्ष्य की ओर और बेहतर तरीके से बढ़ेंगे। असल में आज हम आपको ऐसी सफलता की ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसमे पहले आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला ने अपनी डॉक्टरी छोड़ी और फिर UPSC की तैयारी शुरू कर दी। और कड़ी मेहनत के बाद उनके हाथ सफलता लगी।
हम बात कर रहे हैं आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला की जो की उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह स्कूल में भारत की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी से सम्मानित हो चुकी हैं।
डॉक्टरी छोड़ कर की UPSC की तैयारी | UPSC Success Story
मुद्रा ने 12वि कक्षा पास करने के बाद मेडिकल कॉलेज में बीडीएस के लिए दाखिला किया और उन्होंने उसमे गोल्ड मेडल भी हासिल किया। ग्रेजुएशन के बाद मुद्रा ने एमडीएस में दाखिला लिया। लेकिन उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए एमडीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं. साल 2018 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम दिया. जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं. 2019 में फिर से यूपीएससी इंटरव्यू दिया. बार भी फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद 2020 में वह मेन्स एग्जाम क्रैक नहीं कर सकीं।
बेटी ने किया सपना पूरा | UPSC Success Story
मुद्रा के पिता भी सिविल सर्विसेस एग्जाम क्लीयर करके आईएएस बनना चाहते थे. उन्होंने साल 1973 में UPSC की परीक्षा दी थी. उस वक्त वह इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाए थे. उनका अधूरा सपना था बेटी ने पूरा किया.
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