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Upgradation of middle schools to high schools : अब बेटियां नहीं छोड़ेंगी पढ़ाई

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तीन मिडिल स्कूलों का हाईस्कूल में उन्नयन

Upgradation of middle schools to high schoolsबैतूल – ग्रामीण क्षेत्रों में हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल दूर होने के कारण आम तौर पर बच्चियां पढ़ाई छोड़ देती थीं और आगे की पढ़ाई नहीं कर पाती थीं। जिसके कारण भैंसदेही, भीमपुर और चिचोली विकासखंड में शाला त्यागी बच्चों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा था। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन तीनों विकासखंड के एक-एक मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में उन्नयन किया है। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि हाईस्कूल शुरू होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। पहले ही दिन बड़ी संख्या में इन स्कूलों में बच्चों ने प्रवेश लिया है।

इन स्कूलों का हुआ उन्नयन | Upgradation of middle schools to high schools

स्कूल शिक्षा विभाग ने आदिवासी बाहुल्य विकासखंड भैंसदेही, भीमपुर और चिचोली के तीन मिडिल स्कूलों को हाईस्कूलों में उन्नयन किया है। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल कुशवाह ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने भैंसदेही ब्लाक के थपोड़ा शासकीय माध्यमिक शाला, भीमपुर ब्लाक के कासमारखंडी शासकीय माध्यमिक शाला और चिचोली ब्लाक के झिरियाडोह शासकीय माध्यमिक शाला को हाईस्कूल में उन्नयन किया गया है। इन तीनों स्कूल भवन के लिए भी राशि स्वीकृत हो गई है। एक स्कूल भवन 1 करोड़ 75 लाख रूपए में बनेगा। इन स्कूलों के उन्नयन होने से अब यहां के बच्चों को दूसरी जगह पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा।

6 से 25 किमी. दूर तक नहीं था हाईस्कूल

शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चिचोली के झिरियाडोह से 25 किमी. की परिधि में कोई भी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं था इसलिए झिरियाडोह मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में उन्नयन किया गया है ताकि आसपास के ग्रामों के बच्चे इस स्कूल में प्रवेश लेकर अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखे सकें। इसी तरह से भीमपुर के कासमारखंडी की लगभग 6 किमी. की परिध में भी कोई हाईस्कूल या हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं था। इसके अलावा भैंसदेही के थपोड़ा में भी 18 से 20 किमी. की परिधि में कोई भी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल नहीं था इसलिए यहां पर थपोड़ा मिडिल स्कूल का चयन कर उसका उन्नयन किया गया है।

अत्यधिक थी शाला त्यागी बच्चों की संख्या | Upgradation of middle schools to high schools

शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक थपोड़ा, कासमारखंडी और झिरियाडोह में कक्षा 8 वीं उत्तीर्ण शाला त्यागी बच्चों का लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंच गया था जिसमें बच्चियों की संख्या ज्यादा थी। दरअसल थपोड़ा गांव महाराष्ट्र की बार्डर पर है और यहां से हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए खामला और 25 किमी. दूर खोमई जाना पड़ता था। अगर यहां पर छात्रावास में प्रवेश मिल गया तो पढ़ाई हो सकती थी नहीं तो दूरी अधिक होने के कारण बच्चे पढ़ाई छोड़ देते थे। हालांकि कुछ बच्चे महाराष्ट्र की सीमा में स्थित स्कूल में पढ़ने चले जाते थे। यही स्थिति झिरियाडोह की थी। जहां 25 किमी. की परिधि में हाईस्कूल नहीं था। इसके अलावा कासमारखंडी में 6 किमी. की परिधि में हाईस्कूल नहीं था। यहां के जिन बच्चों को छात्रावास में मिलता था वो ही आगे की पढ़ाई करते थे। अन्यथा कई बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं।

एक दिन में लिया 90 बच्चों ने प्रवेश

मिडिल स्कूल झिरियाडोह का हाईस्कूल में उन्नयन करने का लाभ बच्चों को मिलना भी प्रारंभ हो गया है। यहां पर एक ही दिन में 90 बच्चों ने हाईस्कूल में पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया है। इसी तरह से अन्य दो स्कूलों की भी स्थिति है। हाईस्कूल उन्नयन होने से बच्चों में खुशी का माहौल है। खासतौर पर उन बच्चियों में जो कि पढ़लिखकर कुछ बनना चाहती थीं लेकिन आठवीं के बाद मजबूरी के चलते उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी और उनके सपने दफन हो गए थे। हाईस्कूल के उन्नयन होने से बच्चियों को एक उड़ान भरने की सौगात शासन ने दे दी है ताकि बच्चियों भी अपने सपनों को पूरा कर सके।

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