जांच में गर्भपात और सोनोग्राफी के सामने आए थे संदिग्ध मामले
बैतूल (सांध्य दैनिक खबरवाणी) – अवैध गर्भपात के आरोप में शहर के निजी अस्पताल करूणा हास्पीटल की डायरेक्टर डॉ. वंदना कापसे की गिरफ्तारी के बाद और भी मामले सामने आने लगे हैं। इस अस्पताल पर आरोप है कि यहां पर सबसे ज्यादा गर्भपात किए गए हैं और तीन माह की गर्भवती महिलाओं की सोनाग्राफी याने भ्रूण परीक्षण भी किया गया है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को नोटिस भी जारी किया है।
बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस की उपस्थिति में पीसीपीएनडीपी के तहत एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में जिले में चल रहे सोनोग्राफी सेंटर की जांच के आदेश दिए थे। आदेश के अनुसार कमेटी बनाकर निर्धारित बिंदुओं पर जांच की जानी थी कि सोनोग्राफी सेंटर पर किस-किस एरिया के सोनोग्राफी के केस आते हैं। यह जांच अक्टूबर, नवम्बर और दिसम्बर माह में रेडमली की गई थी। इसी जांच में पता चला था कि करूणा अस्पताल ने तीन माह की गर्भवती महिलाओं की सबसे ज्यादा सोनोग्राफी की है। इस मामले में संदेह इसलिए हुआ की तीन माह के बाद 6 माह और 9 माह में होने वाली सोनोग्राफी नहीं हुई थी। इसके अलावा जिले में इस अस्पताल में सबसे ज्यादा गर्भपात कराने के मामले सामने आए थे। इसको लेकर सीएमएचओ कार्यालय से अस्पताल को नोटिस जारी किया गया था।
डॉक्टर सहित न्यायालय में पेश किए जाएंगे चार आरोपी
नाबालिग लड़की के साथ कोचिंग संचालक ने किए दुराचार के मामले में आरोपी प्रकाश भोजेकर के अलावा सहआरोपी के रूप में उनके पिता राजेंद्र भोजेकर और उनकी माता माया भोजेकर को भी गिरफ्तार कर लिया है। माता-पिता पर आरोप है कि पीडि़ता का उन्होंने गर्भपात कराया है। इसके अलावा पुलिस ने अवैध गर्भपात के आरोप में करूणा अस्पताल की संचालक डॉ. वंदना कापसे को भी बुधवार की शाम उनके हास्पीटल से गिरफ्तार किया था। मुलताई एसडीओपी नम्रता सौंधिया ने बताया कि चारों आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
हो सकती है बड़ी कार्यवाही

सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी से अवैध गर्भपात को लेकर करूणा अस्पताल की संचालित डॉ. वंदना कापसे के खिलाफ कार्यवाही को लेकर पूछा गया तो उनका कहना है कि अभी तक उनके पास इस प्रकरण से संबंधित पुलिस का कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही पत्र प्राप्त होगा उसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। डॉ. तिवारी ने बताया कि ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर एमटीपी एक्ट 1973 एवं नियम 2003, पीसीपीएनडीपी एक्ट 1994 मध्यप्रदेश रूजोप उपचार उपचर्या गृह अधिनियम 1971 एवं एमपी मेडिकल काउंसिल एक्ट 1989 के तहत कार्यवाही की जा सकती है। डॉ. तिवारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि सोनोग्राफी और गर्भपात को लेकर इस अस्पताल को पहले भी नोटिस जारी किया गया है।
सील कराया जाएगा अस्पताल

अवैध गर्भपात को लेकर की गई बड़ी कार्यवाही में जहां गर्भपात कराने वाली डॉक्टर की गिरफ्तारी की गई वहीं अब अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही शुरू की जा रही है। इस मामले को लेकर एसपी सिमाला प्रसाद ने सांध्य दैनिक खबरवाणी से चर्चा में बताया कि पुलिस सीएमएचओ को पत्र भेज रही है और जांच के साथ ही सील कराने की कार्यवाही की जाएगी। पूरे मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है।