Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, जलालाबाद नगर अब परशुरामपुरी नाम से जाना जाएगा

By
On:

शाहजहांपुर : शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद का नाम बदल दिया गया है। अब यह नगर परशुरामपुरी के नाम से जाना जाएगा। इस संबंध में गृह मंत्रालय से पत्र जारी किया गया है। इस पर केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है। 

उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है, 'शाहजहांपुर स्थित जलालाबाद का नाम परिवर्तित कर 'परशुरामपुरी' करने की अनुमति देने पर गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद एवं आभार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आए इस निर्णय ने संपूर्ण सनातनी समाज को गर्व का क्षण प्रदान किया है।' 

प्रदेश सरकार ने जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दे दिया था। प्रदेश के प्रमुख सचिव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव को पत्र भेजकर नाम परिवर्तन की स्वीकृति शीघ्र देने की अपेक्षा की थी। इस पर गृह मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है। 

बीते दिनों भेजा गया था पत्र 

बीते दिनों प्रदेश के प्रमुख सचिव की ओर से केंद्रीय गृह सचिव को पत्र भेजा गया था। जिसमें कहा गया था कि जलालाबाद भगवान परशुराम की जन्मस्थली है। वहां भगवान परशुराम का काफी पुराना ऐतिहासिक मंदिर भी है। इसलिए जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी रखे जाने की मांग की जाती रही है। नगर पालिका परिषद ने मार्च 2018 व सितंबर 2023 में इस मांग के प्रस्ताव बोर्ड बैठक में भी पारित किए। अप्रैल में शाहजहांपुर के डीएम ने बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्ताव संलग्न कर नाम परिवर्तन को अपनी संस्तुति सहित पत्र शासन को भेजा था।

पत्र में प्रमुख सचिव ने यह भी कहा था कि केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने बीते अप्रैल में ही लोगों की आस्था को देखते हुए नगर का नाम परशुरामपुरी घोषित किए जाने की मांग शासन से की थी। उक्त मांग तथा पालिका बोर्ड के प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार ने अपनी सहमति जताते हुए नगर का नाम परशुरामपुरी किए जाने का अनुमोदन दे दिया था। इस प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए बुधवार को पत्र जारी कर दिया। 

वर्षों से चली आ रही था मांग

भगवान परशुराम की यह नगरी आसपास क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दूरदराज जनपदों के लोगों की आस्था से जुड़ी रही है। इस नगर का नाम परशुरामपुरी घोषित किए जाने की मांग भी लंबे समय से चली आ रही था। 

24 अप्रैल 2022 को घोषित हुई परशुराम की जन्मस्थली

भगवान परशुराम की इस नगरी को शासन की ओर से 24 अप्रैल 2022 को जन्मस्थली घोषित किया गया था। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मंदिर प्रांगण में आयोजित सभा में इसकी घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रांगण का सुंदरीकरण करते हुए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने का वादा भी किया था।

30 करोड़ की धनराशि से संवारी जा रही है जन्मस्थली

जन्मस्थली घोषित होने के बाद मंदिर प्रांगण के सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं की सुविधा से जुड़े विभिन्न तरह के कार्य कराने के लिए मुख्यमंत्री संवर्धन योजना के तहत 19 करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार ने मंजूर की थी। इसके अलावा सरकार ने मंदिर के पास स्थित करीब 42 एकड़ के रकबे वाले तालाब के पानी को साफ सुथरा करने, इस पर घाट, सीढि़यां और पाथ-वे का निर्माण करने, रामताल के किनारे से ही मंदिर तक सीधा व चौड़ा रास्ता बनाने सहित विभिन्न अन्य तरह के कार्यों के लिए अमृत सरोवर योजना के तहत 11 करोड़ की धनराशि अलग से मंजूर की थी। इस धनराशि से दोनों जगहों पर कार्य चल रहे हैं।

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News