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Unique decoration: महालक्ष्मी मंदिर में नोटों के साथ आ रही विदेशी मुद्रा

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दीपावली के अवसर पर की जा रही अनोखी सजावट 

Unique decoration: रतलाम के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली के अवसर पर अनोखी सजावट की जा रही है। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या मंदिर की सजावट के लिए नकद राशि और आभूषण भेंट कर रही है। अब तक लगभग 70 लाख रुपए मूल्य के नोट और सोने-चांदी के आभूषण मंदिर में आ चुके हैं। इस बार मंदिर की सजावट में नोटों के बंधनवार और बुके (गुलदस्ते) का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें विदेशी मुद्रा भी शामिल हो रही है।

दीपावली पर्व पर विशेष सजावट

दीपावली का पांच दिवसीय पर्व 29 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू होगा, और इस दिन से मंदिर को लाखों रुपए के नोट और सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया जाएगा। यह सजावट पांच दिन तक मंदिर में रहेगी। सजावट के लिए नोटों का आना शरद पूर्णिमा से ही शुरू हो गया था और यह क्रम धनतेरस के एक दिन पूर्व तक जारी रहेगा।

श्रद्धालुओं का योगदान

अब तक लगभग 700 श्रद्धालु नकद और आभूषण देकर इस आयोजन में शामिल हो चुके हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा सभी श्रद्धालुओं की जानकारी जैसे नाम, पता, और फोटो रजिस्टर में दर्ज कर टोकन दिए जा रहे हैं। दीपावली के पांच दिन बाद भक्त टोकन दिखाकर अपने द्वारा भेंट किए गए नोट और आभूषण वापस ले सकते हैं।

विदेशी मुद्रा का योगदान

इंदौर के निवासी और रतलाम में एक इंस्टीट्यूट के ब्रांच हेड धीरज परिहार ने दुबई की मुद्रा (दिरहम) मंदिर में भेंट की है। उन्होंने बताया कि वे दुबई में काम कर चुके हैं और धनतेरस पर वे अमेरिकी डॉलर भी भेंट करेंगे।

महालक्ष्मी जी के लिए विशेष आभूषण

श्रीमाली ब्राह्मण समाज के सचिव कुलदीप त्रिवेदी ने बताया कि दीपावली पर महालक्ष्मी जी के श्रृंगार के लिए चांदी के 13 विशेष आभूषण पुजारी को भेंट किए गए हैं। इसमें लक्ष्मी जी के छत्र, मुकुट, कलंगी, कान के कुंडल, पायल और चारों हाथों के कड़े शामिल हैं।

विवाद और शिकायत

मंदिर के पूर्व पुजारी संजय पुजारी के खिलाफ श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा माणकचौक थाने में शिकायत दर्ज की गई है। आरोप है कि संजय पुजारी ने अपने भाई के निधन के बाद धार्मिक नियमों का उल्लंघन करते हुए मंदिर में पूजा की। साथ ही उन पर शासन को गलत जानकारी देने और पूजा विधि में कमियों के आरोप लगाए गए हैं।

संजय पुजारी ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि चार्ज देने के दौरान सभी आभूषण लौटा दिए गए थे, और कुछ श्रद्धालुओं के आभूषण अब भी मंदिर में सुरक्षित रखे हैं, जिन्हें आवश्यकता होने पर लौटाया जाएगा।

 source internet साभार…

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