पांच लाख की आबादी वाले शहरों में लगाए जा सकते हैं यूनिपोल, होर्डिंग के नाम पर शहर में लगाए
नगरपालिका में ‘यूनिपोल’ का खेल
स्ट्रीट लाइट से दिया बिजली कनेक्शन, यूनिपोल का बिजली बिल भर रही नगरपालिका
सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल
बैतूल नगरपालिका में भ्रष्टाचार के मामले खत्म होने का नाम नहीं ले रहे है। निरंकुश हो चुके मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कारनामे रोज उजागर हो रहे हैं। यूनिपोल को लेकर जो निविदा प्रक्रिया हुई है उसे परिषद ने पास नहीं किया। इसके बावजूद सीएमओ सतीश मटसेनिया द्वारा अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए निविदा संपन्न कर नियम विरुद्ध यूनिपोल लगाने की अनुमति प्रदान कर दी और शहर में पांच यूनिपोल सडक़ों पर खड़े करवा दिए हैं।
मई 2025 में संपन्न निविदा के अनुसार प्रिंटिंग टॉस्क फर्म को यह टेंडर नगर में 91 चिन्हित स्थानों पर होर्डिंग लगाने के लिए प्रदान किया गया उसे 25 लाख 12 हजार 695 का ऑनलाइन भुगतान करना था जिसमें जीएसटी की राशि 3 लाख 83 हजार 293 रुपए जमा होनी थी एवं वर्ष 2026-27 के लिए यह राशि 27 लाख 63 हजार 964 एवं वर्ष 27-28 के लिए 30 लाख 40 हजार 360 का भुगतान अग्रिम चैक के माध्यम से किया जाना था और परफार्मेंस सिक्योरिटी में 4 लाख 15 हजार 851 रुपए का भुगतान ऑनलाइन किया जाना था, परंतु नगरपालिका द्वारा प्रिंटिंग टॉस्क से निविदा की शर्तों के विपरीत कुल राशि न लेते हुए लगभग 6 लाख 25 हजार रुपए के पोस्ट डेटेड चैके लिए गए। जिससे न सिर्फ नगरपालिका को राजस्व की हानि हुई बल्कि प्रदेश के राजस्व में जीएसटी के माध्यम से जमा होने वाली राशि का भी नुकसान हुआ। ज्ञात हो कि नगरपालिका कि माली हालत इतनी खस्ता है कि जुलाई 2025 का वेतन कर्मचारियों को 25 अगस्त को किया गया। निविदा की शर्तों के अनुसार अनुबंध पत्र को उप पंजीयक कार्यालय में रजिस्टर कराया जाना था ताकि निविदाकर्ता द्वारा भविष्य में शर्तों का पालन नहीं किए जाने पर न्यायालय के माध्यम से कार्रवाई की जा सके पर नगरपालिका सीएमओ द्वारा अनुबंध पत्र का पंजीयन न कराया जाकर सिर्फ स्टॉम्प के आधार पर अनुबंध कर लिया गया।
होर्डिंग की टेंडर की आड़ में नगरपालिका ने यूनिपोल लगाने का खेल रच दिया, जबकि शासन के नियमानुसार पांच लाख से कम आबादी वाले शहर में यूनिपोल लगाने का प्रावधान ही नहीं है। बात यहीं खत्म हो जाए ऐसा भी नहीं, यूनिपोल लगाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर नगरपालिका ने अपनी जेसीबी मशीन समेत अमले का भी उपयोग किया और तो और यूनिपोल पर लगी लाइटों का कनेक्शन स्ट्रीट लाइट के माध्यम से किया गया। जिसका भुगतान नगरपालिका द्वारा बिजली कंपनी को नगरपालिका द्वारा किया गया। निविदा की शर्त क्रमांक 9 के अनुसार उच्चतम बोलीकर्ता को उच्चतम ऑफर दर की स्वीकृति के पश्चात एक वर्ष की राशि जीएसटी सहित अनुबंध के पूर्व जमा करनी होगी, एवं शेष आगामी अवधि दो वर्ष के लिए देय राशि के बैंक चैक अनुबंध के समय अग्रिम भुगतान के रूप मेें जमा करने थे। वहीं शर्त क्रमांक 10 के अनुसार उच्चतम बोलीकर्ता को प्रथम वर्ष की उच्चतम दर में आगामी वर्ष के लिए 10 प्रतिशत वृद्धि एवं वृद्धि राशि पर आरोपित जीएसटी राशि 3 वर्षों की गणना राशि पर परफार्मेंस सिक्योरिटी 5 प्रतिशत निकाय कोष में ऑनलाइन जमा करना अनिवार्य था। शर्त 11 के अनुसार उच्चतम बोलीकर्ता के द्वारा राशि का भुगतान यथासमय नहीं किए जाने पर परफार्मेंस सिक्योरिटी, अमानत, जमा राशि राजसात कर अनुमति निरस्त कर पुन: ईनिविदा आहुत करना अनिवार्य किया गया था, इसके बावजूद निविदाकर्ता से नगरपालिका परिषद द्वारा अपने कोष में ऑनलाइन राशि जमा नहीं करवाई गई। शर्त 15 के अनुसार ई निविदा के माध्यम से प्राप्त प्रस्ताव दर स्वीकृति पश्चात 7 दिवस की समयावधि में जिला पंजीयक कार्यालय में निविदाकार को स्वयं उपस्थित होकर स्वयं के व्यय से नगरपालिका परिषद के मध्य अनुबंध पंजीयन संपादित कराया जाना था, जिसे कि नहीं कराया गया।
इनका कहना है
नगरपालिका के राजस्व निरीक्षक परते ने बताया कि नगरपालिका द्वारा अनुबंध नहीं किया गया सिर्फ स्टॉम्प पेपर खरीदकर दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर कर दिए गए, यह पूछा जाने पर कि क्या अनुबंध का पंजीयन नहीं होने पर अनुबंध निरस्त किया जाएगा तो इस पर उन्होंने कहा कि हमने उपपंजीयक महोदय से पूछकर आवश्यक राशि के स्टॉम्प खरीद लिए हैं।