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बीजेपी के दो पूर्व विधायक दोषी, 2003 में डीएम से की थी अभद्रता

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उत्तर प्रदेश के बस्ती में एमपीएमएलए कोर्ट ने साल 2003 में हुए एमएलसी के दौरान हुई मारपीट के मामले में दो पूर्व बीजेपी के विधायकों सहित 6 लोगों को तीन साल की सजा सुनाई. पुलिस ने सभी मुजरिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, दो लोगों की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. साल 2003 में ही सपा प्रत्याशी कंचना सिंह ने तत्कालीन डीएम पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में डीएम के साथ अभ्रदता की बात सामने आई थी.

बस्ती में साल 2003 में हुए एमएलसी चुनाव में पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह की पत्नी कंचना सिंह सपा प्रत्याशी थी और बीजेपी से मनीष जयसवाल प्रत्याशी थे. चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल की जीत हुई थी. 3 दिसंबर को सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत की.

लोअर कोर्ट ने सुनाई थी 3 साल की सजा
इस दौरान डीएम के साथ अभद्रता की बात भी सामने आई थी. एडीएम रहे श्रीश दुबे की तहरीर पर बस्ती कोतवाली में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद इस मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में चली, जहां गवाही पूरी होने के बाद सभी दो पूर्व विधायक सहित सभी आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई गई थी. इस दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई थी. इसके बाकी 6 दोषियों ने तीन साल की सजा के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी.

दो पूर्व विधायकों सहित 6 लोगों को भेजा गया जेल
एमपीएमएलए कोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए सभी लोगों को तीन सजा की सुनाई है. पुलिस ने मामले में दो पूर्व विधायकों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक संजय जयसवाल, पूर्व बीजेपी विधायक आदित्य विक्रम सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्र्यंबक पाठक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, अशोक सिंह और इरफान को तीन साल की सजा सुनाई है. इस मामले में सपा प्रत्याशी कंचना सिंह की मौत हो चुकी हैं.

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