रायपुर : वन्यजीव अपराधों की रोकथाम और कार्रवाई में तेजी लाने के लिए बलौदाबाजार वनमण्डल कार्यालय में दो दिवसीय ‘वन्यजीव अपराध जांच एवं अभियोजन पर प्रशिक्षण कार्यशाला’ शुरू हुई। यह कार्यशाला 19 से 20 अगस्त तक वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, भोपाल के सहयोग से आयोजित की जा रही है। यह प्रशिक्षण वन्यजीव अपराधों की जांच और अभियोजन को और अधिक प्रभावी बनाने के साथ-साथ प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
पहले दिन के प्रशिक्षण का शुभारंभ वनमण्डलाधिकारी धम्मशील गणवीर ने किया। इसमें उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन, बारनवापारा अभ्यारण्य के उप वन संरक्षक क्रिशानू चंद्राकर, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो भोपाल से डॉ. के.के. शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता यश कुमार सोनी, जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ से डॉ. निधि राजपूत और मध्यप्रदेश पुलिस से अफ़ज़ल खान जैसे विशेषज्ञ शामिल हुए।
प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागियों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, दंडनीय अपराधों की श्रेणियां, अनुसूचित प्राणियों का महत्व, अपराध जांच की प्रक्रिया और न्यायालय में साक्ष्यों की वैधानिकता पर जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने केस स्टडी और वास्तविक उदाहरणों के जरिए विषय को और अधिक सरल व प्रभावी बनाया।
कार्यशाला में डॉ. निधि राजपूत ने अपराध स्थल प्रबंधन और साक्ष्य संरक्षण पर विशेष जानकारी दी। वहीं वरुण जैन ने बताया कि समय पर कार्रवाई और टीमवर्क से वन्य अपराधों पर रोक लगाई जा सकती है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व, बलौदाबाजार वनमण्डल और पुलिस विभाग के लगभग 70 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।