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Twin Tower Down : 34 मंजिला बिल्डिंग 12 सेकंड मे हुई ध्वस्त, 15 करोड़ में बिकेगा मलबा

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Twin Tower Down – आज एक इतिहासिक पल की दुनिया साक्षी बनी जिसके अंतर्गत 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले ट्विन टॉवर को ध्वस्त कर दिया गया जिसमे महज 12 सेकंड लगेब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया।
इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार ट्विन टावर के बिलकुल पास बनी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स को कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्लानिंग के मुताबिक ट्विन टावर एमरल्ड टावर की तरफ नहीं, ATS की तरफ गिरे, जो कि सुरक्षित फॉल है।यहाँ देखें नजारा

ईमारत गिरने के बाद इकठ्ठा हुआ मलबा

ब्लास्ट के बाद दोनों टॉवर्स का मलबा साइट पर जमा हो गया है। भास्कर रिपोर्टर ने जब मौके का जायजा लिया, तो गिरी हुई इमारत के मलबे का ढेर करीब 40 से 50 फीट की ऊंचाई तक फैला नजर आया। यहां 50 से ज्यादा फायर टेंडर्स पेड़ों और इमारतों से धूल हटाने के काम में लगाए गए हैं। नोएडा अथॉरिटी के मजदूर सफाई के लिए पहुंच चुके हैं। इलाके में पॉल्यूशन लेवल मॉनिटर करने के लिए स्पेशल डस्ट मशीनें लगाई गई हैं।

दूसरी ईमारतो को नहीं हुआ नुकसान

ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोट की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसके चलते घनी आबादी के बीच बने दोनों टावर अपनी जगह पर जमींदोज हो गए। आसपास की किसी इमारत को बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा। कुछ बिल्डिंग्स के शीशे टूटने और एक सोसायटी की दीवारों में दरार आने की बात भी कही गई है। हालांकि, नुकसान का सही आकलन सोसायटी में रहने वाले परिवारों के लौटने के बाद ही हो सकेगा।

ये था डेमोलिश करने का कारण

2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को हाउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए प्लॉट अलॉट किया था। 2005 में बिल्डिंग प्लान मंजूर हुआ। इसमें 10 मंजिल के 14 टावर बनाने की इजाजत थी। 2006 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव कर 11 मंजिल के 15 टावर बना लिए। नवंबर 2009 में प्लान फिर बदलकर 24 मंजिल के दो टावर शामिल कर लिए गए। मार्च 2012 में 24 मंजिल को बढ़ाकर 40 कर लिया। जब रोक लगी, तब तक इनमें 633 फ्लैट बुक हो चुके थे।

Source – Internet

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