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ट्रंप सरकार का बड़ा ऐलान: यहूदी विरोधी सोच रखने वालों की एंट्री बंद

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अमेरिका में रह रहे इजराइल विरोधी लोगों की अब खेर नहीं है. अमेरिका के आव्रजन अधिकारियों ने बुधवार को ऐलान किया कि वे सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच करेंगे और उन लोगों को वीजा या ग्रीन कार्ड नहीं दिया जाएगा जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा यहूदी विरोधी (Anti-Semitic) मानी जाने वाली सामग्री पोस्ट करते हैं.

यहूदी विरोधी के रूप में माने जाने वाली पोस्टों में अमेरिका की ओर से आतंकवादी घोषित किए गए समूहों के समर्थन में सोशल मीडिया पर लिखना या कुछ शेयर शामिल होगा, जिसमें हमास, लेबनान का हिजबुल्लाह और यमन का हूती शामिल हैं. यह कदम ट्रंप प्रशासन की ओर अमेरिका के अंदर छात्रों के लिए विवादास्पद रूप से वीजा रद्द करने के बाद उठाया गया है, जहां संविधान का पहला संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है.

होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने साफ किया कि जो कोई भी सोचता है कि वह अमेरिका आ सकता है और यहूदी विरोधी हिंसा और आतंकवाद की वकालत करने के लिए पहले संशोधन के पीछे छिप सकता है – उसे फिर से सोचना चाहिए. आपका यहां स्वागत नहीं है.”

फैसले को माना जा रहा अभिव्यक्ति की आजादी उल्लंघन
बयान में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं “ऐसी सोशल मीडिया सामग्री पर विचार करेंगी जो किसी विदेशी द्वारा यहूदी विरोधी आतंकवाद, यहूदी विरोधी आतंकवादी संगठनों या अन्य यहूदी विरोधी गतिविधि का समर्थन, समर्थन, प्रचार या समर्थन करने का संकेत देती है.” ट्रंप प्रशासन के इस कदम को उदारवादी लोग अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ मान रहे हैं.

इजराइल का विरोध करना पड़ रहा भारी
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले महीने के अंत में कहा था कि उन्होंने करीब 300 लोगों के वीजा रद्द कर दिए हैं और ऐसा वे रोजाना कर रहे हैं. जिन लोगों के वीजा रद्द किए गए हैं, उनमें से कई लोगों का कहना है कि उन्होंने यहूदियों के प्रति कभी भी कोई विरोध नहीं जताया, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे खुद को विरोध प्रदर्शनों वाली जगह पर पाते थे.

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