अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि अगर गाजा में निर्दोष लोगों की हत्या जारी रही, तो अमेरिका के पास कोई विकल्प नहीं बचेगा और उसे सैन्य कार्रवाई करनी पड़ेगी। ट्रंप के इस बयान के बाद मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा है कि अगर बंधकों के शव नहीं लौटाए गए तो “हम तबाही मचा देंगे।”
गाजा में बढ़ा तनाव, इजरायल का कड़ा रुख
गाजा में बंधकों के आदान-प्रदान और शवों की वापसी को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। पिछले कुछ दिनों में हमास ने कुछ शव लौटाए हैं, जिनमें इनबार हैमन और सार्जेंट मेजर मुहम्मद अल-अत्राश की पहचान की गई। सोमवार से अब तक कुल 9 शव लौटाए गए हैं, जबकि कई अब भी गाजा में मौजूद हैं।
इसी बीच इजरायल ने 250 फिलिस्तीनी कैदियों और 1,718 गाजा बंदियों को रिहा किया है, जिसके बदले सोमवार को 20 जीवित बंधकों को छोड़ा गया।
हमास ने दी सफाई
हमास के सैन्य विंग ने कहा कि बाकी शवों की तलाश जारी है, लेकिन इसके लिए तकनीकी उपकरणों और समय की जरूरत है। इस देरी से इजरायल के नागरिकों में गुस्सा बढ़ गया है। कई लोगों का मानना है कि हमास ने पिछले सप्ताह हुए युद्धविराम समझौते का पालन नहीं किया। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने इसे सीधे तौर पर “समझौते का उल्लंघन” मानने से इनकार किया है।
ट्रंप की धमकी से हिला मध्य पूर्व
ट्रंप के हालिया बयान ने एक बार फिर से मध्य पूर्व में उथल-पुथल मचा दी है। उन्होंने कहा, “अगर हमास ने निर्दोष लोगों की हत्या नहीं रोकी, तो हमें जाकर उन्हें खत्म करना होगा।” इस बयान को कूटनीतिक हलकों में बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप का यह संदेश सिर्फ हमास के लिए नहीं, बल्कि रूस, ईरान और अन्य देशों के लिए भी चेतावनी है।
नेतन्याहू बोले – “पूरी ताकत से करेंगे कार्रवाई”
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि अगर हमास ने बंधकों के शव नहीं लौटाए, तो इजरायल पूरी ताकत से जवाब देगा। उन्होंने कहा कि देश किसी भी कीमत पर अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि अमेरिका फिलहाल सीधी सैन्य कार्रवाई से बचना चाहेगा और पहले कूटनीतिक रास्ते अपनाएगा।
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क्या होगा अगला कदम?
अब सबकी नज़र इस बात पर है कि क्या अमेरिका वाकई गाजा में सैन्य कार्रवाई करेगा या फिर यह बयान केवल दबाव की रणनीति है। ट्रंप के इस कड़े रुख से यह तो साफ है कि गाजा संकट एक नए मोड़ पर पहुंच गया है, और आने वाले दिनों में इसके भू-राजनीतिक प्रभाव दूरगामी हो सकते हैं।





