होम स्टे ने गांव में आर्थिक सुधार और रोजगार के अवसर भी बढ़ाए
Tourist village: सावरवानी गांव, छिंदवाड़ा जिले का एक ऐसा गांव है जो शहरी जीवन की आपाधापी से दूर एक अद्वितीय पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। प्राकृतिक सुंदरता, मिट्टी के घर, और ग्रामीण जीवन के अनुभवों की वजह से यह गांव पर्यटकों, विशेष रूप से महाराष्ट्र, दिल्ली और विदेशों से आने वाले यात्रियों को आकर्षित कर रहा है। यहाँ तक कि पचमढ़ी घूमने आए पर्यटक भी इस गांव में ठहरना पसंद कर रहे हैं। अब तक 300 से अधिक विदेशी पर्यटक यहाँ आ चुके हैं, और वीकेंड पर विशेष रूप से बुकिंग बढ़ जाती है।
इस गांव में बैलगाड़ी की सवारी, दूध निकालना, गायों को खिलाना, छोटे कृषि कार्यों में शामिल होना, पास की मोनाखेड़ी पहाड़ी पर ट्रैकिंग करना, और स्थानीय भजनों के साथ आदिवासी कर्मा नृत्य मंडलियों का आनंद लेना जैसे अनुभव पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ पर्यटक कच्चे मिट्टी के घरों में रहकर ग्रामीण जीवन का अनुभव लेते हैं और स्थानीय, जैविक उपज से बने भोजन का स्वाद चखते हैं।
सावरवानी में होम स्टे के लिए 7 मिट्टी के घर बनाए गए हैं, जिनका किराया प्रतिदिन 3000 रुपए है, जिसमें भोजन और चाय शामिल हैं। पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए शाम को स्थानीय आदिवासी समूह पारंपरिक शैला नृत्य प्रस्तुत करते हैं। प्रशासन जल्द ही इन होम स्टे की संख्या बढ़ाकर 67 करने की योजना बना रहा है ताकि बढ़ती पर्यटकों की मांग पूरी की जा सके। सावरवानी गांव छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर और पचमढ़ी से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव की कुछ युवतियां गाइड और संचालक के रूप में भी कार्य कर रही हैं, जिससे उन्हें रोजगार मिल रहा है। होम स्टे से जुड़ने के कारण कई ग्रामीणों को घर पर ही रोजगार मिल गया है।
पर्यटक बताते हैं कि इस गांव में आकर उनके बच्चे टीवी और मोबाइल से दूर रहते हैं और गांव में अन्य बच्चों के साथ खेलते हैं। नागपुर से आए डॉक्टर विकास ठाकुर ने बताया कि यहां का प्राकृतिक वातावरण, मिट्टी के घर और जैविक भोजन बच्चों को स्वस्थ माहौल में रहने का अनुभव देते हैं। उनकी पत्नी ने भी इस जगह को शांति और सुकून का स्थल बताया, जहां उनका बच्चा अन्य बच्चों के साथ खेलकर सामाजिकता का अनुभव करता है।
सावरवानी गांव के होम स्टे ने गांव में आर्थिक सुधार और रोजगार के अवसर भी बढ़ाए हैं। स्थानीय महिला नेहा यदुवंशी ने बताया कि होम स्टे की ट्रेनिंग से वह आत्मनिर्भर हो गई हैं, और गांव में साफ-सफाई और पानी की व्यवस्था भी बेहतर हो गई है। एक बुजुर्ग ने बताया कि पहले काम की तलाश में बाहर जाना पड़ता था, लेकिन अब पर्यटकों को बैलगाड़ी की सवारी कराकर अच्छी आमदनी हो जाती है।
सावरवानी के आस-पास कई आकर्षक स्थान हैं जैसे चावलपानी का अनहोनी गर्म पानी का झरना, खारा वाटर डिवाइन पूल, तामिया, पातालकोट, झिगरिया झरना और सतपुड़ा नेशनल पार्क का बफर जोन। सप्तधारा झरना और मौनी बाबा की पहाड़ी ट्रैकिंग के लिए प्रमुख आकर्षण हैं। अनहोनी गांव के गर्म पानी के कुण्ड का पानी चर्म रोग के लिए लाभकारी माना जाता है। सावरवानी अब एक लोकप्रिय पर्यटन गांव बन गया है, जो न केवल पर्यटकों को शांति और प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता का भी माध्यम बन गया है।
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