बिना ID प्रूफ के ऐसे बदले जाएगें 2000 के नोट याचिका हुई ख़ारिज

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बिना ID प्रूफ के ऐसे बदले जाएगें 2000 के नोट याचिका हुई ख़ारिज

2000 रुपये के नोट को लेकर दिल्ल हाईकोर्ट में दाखिल याचिका खारिज कर ली गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपील की थी कि बड़ी मात्रा में ये नोट या तो किसी व्यक्ति की तिजोरी में पहुंच गए हैं या अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों के पास हैं।

बिना ID प्रूफ के ऐसे बदले जाएगें 2000 के नोट याचिका हुई ख़ारिज

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला किया। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को बदलने और जमा करने के लिए 23 मई से लेकर 30 सितंबर 2023 तक का वक्त दिया है। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने 2000 का नोट बदलने के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नोटिफिकेशंस को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में बिना किसी पहचान के 2000 का नोट बदलने पर सवाल खड़ा किया गया था। एसबीआई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि लोग बैंक की शाखा जाकर बिना किसी पहचान पत्र के 2000 के 10 नोट बदल सकते हैं। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

बिना ID प्रूफ के ऐसे बदले जाएगें 2000 के नोट याचिका हुई ख़ारिज

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को बिना पर्ची भरे और पहचान पत्र के बिना 2,000 रुपये के नोट बदलने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने इस याचिका को खारिज किया। याचिका में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बिना पर्ची भरे और पहचान प्रमाण के बिना 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी।

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याचिकाकर्ता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि बड़ी मात्रा में ये नोट या तो किसी व्यक्ति की तिजोरी में पहुंच गए हैं या अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों के पास हैं। याचिका में कहा गया कि उक्त अधिसूचना मनमानी, तर्कहीन और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती हैं। आरबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी अधिसूचना का बचाव करते हुए कहा कि यह नोटबंदी नहीं है, बल्कि एक वैधानिक कार्रवाई है।

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