प्रदर्शन कर रहे लोग मृतक परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी की मांग
The wall fell: उज्जैन में शुक्रवार शाम को हुई भारी बारिश के बीच महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार के पास एक दीवार ढहने से दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में अजय योगी और फरीन राठौर शामिल हैं, जबकि शारदा बाई और तीन साल की रूही राठौर को गंभीर हालत में इंदौर रेफर किया गया है। इस हादसे ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया, और शनिवार सुबह मृतक अजय योगी के परिजनों ने मोहन नगर चौराहे पर चक्काजाम कर दिया, जिसके चलते उज्जैन-आगर रोड पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
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प्रदर्शनकारियों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे लोग मृतक परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी, और दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, मौके पर एसडीएम एलएन गर्ग और सीएसपी सुमित अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा को कॉल किया, लेकिन उनका फोन रिसीव न होने पर नाराजगी और बढ़ गई। लोगों ने विधायक के खिलाफ नारेबाजी की और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी बात करने की कोशिश की, जो संभव नहीं हो सका।
दीवार गिरने के पीछे की लापरवाही
इस हादसे के पीछे बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। दीवार 20 साल पुरानी थी, और इसके पीछे एक नई दीवार का निर्माण मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा किया गया था। दोनों दीवारों के बीच का 10 फीट का गैप मिट्टी से भरा हुआ था, जो बारिश के कारण गीली हो गई थी। पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण दीवार पर दबाव बढ़ा और अंततः यह ढह गई।
हादसे के बाद का घटनाक्रम
रेस्क्यू टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन की मदद से मलबा हटाया। बचाव कार्य के बाद बाकी बची क्षतिग्रस्त दीवार को भी गिरा दिया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना पर शोक जताया और मामले की जांच के आदेश दिए हैं, जिसकी जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई है। कांग्रेस ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
प्रत्यक्षदर्शी राहुल बामनिया ने बताया कि अजय योगी और वह आमने-सामने की दुकानों पर काम करते थे। अचानक हुई इस दुर्घटना के दौरान, अजय की दुकान के ऊपर से पानी बह रहा था, और दीवार का हिस्सा ढहने से अजय उसके मलबे में दब गए। वहीं, मृतक फरीन के भाई राहुल सोलंकी ने बताया कि वह और उनके जीजा कुछ ही मिनटों के लिए वहां से गए थे, जब यह हादसा हुआ।
अवैध दुकानें हादसे का कारण?
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार के पास अवैध रूप से फूल-प्रसादी की दुकानें लगाई जा रही थीं, जो इस हादसे में चपेट में आ गईं। गनीमत यह रही कि तेज बारिश के कारण वहां ज्यादा लोग नहीं थे, वरना हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
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