दुनिया का एकमात्र ऐसा विचित्र पक्षी! जो कभी नहीं रखता ज़मीन पर कदम, ख़ासियत जानकर रह जाओगे हैरान

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दुनिया का एकमात्र ऐसा विचित्र पक्षी! जो कभी नहीं रखता ज़मीन पर कदम, ख़ासियत जानकर रह जाओगे हैरान, पृथ्वी पर करोड़ों जीव जंतु पाए जाते हैं. हर एक प्राणी की अपनी खासियत और स्वभाव होता है. इसी वजह से इन्हें पहचाना जाता है और पसंद किया जाता है. लेकिन कुछ पक्षी इतने अनोखे होते हैं कि उनके बारे में जानकर हमें हैरानी भी होती है. आज हम ऐसे ही एक अनोखे पक्षी – हरियाल के बारे में जानेंगे, जो अपने पूरे जीवनकाल में जमीन पर नहीं उतरता!

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हरियाल पक्षी घास के तिनकों और पत्तियों से अपना घोंसला बरगद और पीपल जैसे ऊंचे और घने पेड़ों पर बनाता है. ये पेड़ों की सबसे ऊपरी शाखाओं पर ही रहना पसंद करते हैं.

पेड़ों पर ही रहने वाला अनोखा पक्षी

आपको बता दें कि हरियाल का वैज्ञानिक नाम TRERON फीनिकोप्टेरा (Treron phoenicoptera) है. भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बर्मा, चीन आदि देशों में भी हरियाल पक्षी पाए जाते हैं. जानकारी के अनुसार, यह पक्षी बहुत शर्मीला होता है. यही वजह है कि वह इंसानों से दूर रहना पसंद करता है. जरा सी आहट होने पर यह चुप हो जाता है और पत्तों में खुद को छिपा लेता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाल पक्षी की उम्र करीब 26 साल होती है. कुछ मामलों में ये इससे भी ज्यादा जीते हैं. आप इस तीन सेंटीमीटर लंबे पक्षी को पेड़ों की सबसे ऊंची टहनियों पर बैठा हुआ पाएंगे. यह शाकाहारी पक्षी होता है और फल, पौधों के कोमल अंकुर और खिले हुए फूल खाता है. इन्हें अनाज कम ही पसंद आता है.

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कैसा दिखता है यह पक्षी?

हरियाल को देखने पर आपको लगेगा कि यह किसी कबूतर जैसा दिखता है. अंग्रेजी में इसे ग्रीन पिजन (Green Pigeon) कहा जाता है. इसका रंग हरे और भूरे रंग का मिश्रण होता है, जिस पर पीले रंग की धारियां होती हैं. इस पक्षी की आंखों का रंग नीला होता है, जिसके चारों ओर गुलाबी रंग का घेरा होता है.

चूंकि हरियाल को जमीन पर आना पसंद नहीं होता, इसलिए यह अपना पूरा जीवन पेड़ों पर ही बिताता है. अगर कभी बहुत जरूरी हो तो जमीन पर उतरता है तो भी अपने पैरों में एक टहनी दबाकर ही जमीन को छूता है.

हरियाल की सबसे खास बात यह है कि यह अपना शिकार होने से बचा लेता है. दरअसल, शिकारी के आने पर यह पक्षी मरा हुआ होने का नाटक कर लेता है. इसके जमीन पर न आने के दो मुख्य कारण हैं. पहला, यह ताजे फूल, फल, कोंपलें और पत्ते खाता है, जिससे इसे कम पानी की जरूरत होती है. अपनी प्यास वो पत्तों पर जमी ओस की बूंदों से बुझा लेता है. दूसरा कारण इसका स्वभाव – हरियाल इंसानों और दूसरे जीवों के सामने आना पसंद नहीं करता और यही वजह है कि जमीन पर कम ही उतरता है.