The New Order: आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए अब 12वीं कक्षा पास करने की अनिवार्यता समाप्त 

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The New Order: नई व्यवस्था के तहत अब 10वीं कक्षा पास करने के बाद ही छात्र बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) में दाखिला ले सकेंगे। इसके लिए विशेष रूप से 10वीं के बाद बीएएमएस में प्रवेश के इच्छुक छात्रों के लिए अलग से नीट यूजी परीक्षा आयोजित की जाएगी।

आयुर्वेद गुरुकुलम की स्थापना

इस पाठ्यक्रम के लिए हर राज्य में एक या दो विशेष संस्थान स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें “आयुर्वेद गुरुकुलम” कहा जाएगा। ये गुरुकुलम पारंपरिक शिक्षा पद्धति के तहत छात्रों को आयुर्वेद की गहन शिक्षा प्रदान करेंगे। मौजूदा आयुर्वेद संस्थानों को आयुर्वेद गुरुकुलम में बदला नहीं जा सकेगा और न ही आयुर्वेद गुरुकुलम को अन्य संस्थानों में परिवर्तित किया जा सकेगा। छात्रों को यहां रहकर ही शिक्षा ग्रहण करनी होगी, और इन गुरुकुलमों के अपने अस्पताल भी होंगे।

साढ़े सात साल का कोर्स

बीएएमएस का यह नया पाठ्यक्रम साढ़े सात साल का होगा, जिसमें शुरुआती दो साल प्री-आयुर्वेद की पढ़ाई होगी। इसके बाद साढ़े चार साल का बीएएमएस कोर्स होगा, और अंत में एक साल की रोटेटरी इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। प्री-आयुर्वेद में छात्रों को संस्कृत, आयुर्वेद का परिचय, और आयुर्वेद से जुड़े अन्य आवश्यक विषय पढ़ाए जाएंगे।

एनसीआईएसएम की अधिसूचना

भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) ने इस नई व्यवस्था को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र 2025-26 से यह नया पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा। आयोग पिछले एक साल से इस पाठ्यक्रम की योजना बना रहा था और अब पाठ्यक्रम, प्रवेश प्रक्रिया, और अन्य आवश्यक मानदंडों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रवेश परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु सीमा 15 साल तय की गई है।इस नई पहल से आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, और पारंपरिक चिकित्सा में रुचि रखने वाले छात्रों को पहले से ही आयुर्वेद की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। 

source internet साभार…