Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

सिंगरौली की धरती ने उगला रेयर अर्थ मिनरल का खजाना, ग्रीन एनर्जी में होंगे अव्वल

By
On:

नई दिल्ली/सिंगरौली: ऊर्जा राजधानी के नाम से देश में मशहूर सिंगरौली में दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earth Elements) के भंडार पाए गए हैं. देश में पहली बार कहीं रेयर अर्थ एलिमेंट्स के इतने बड़े भंडार मिले हैं. इन दुर्लभ मृदा तत्वों (RRE) के भंडार मिलने से ग्रीन एनर्जी के मामले में भारत का डंका पूरी दुनिया में बजेगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान में ये भंडार बड़ी भूमिका निभाएंगे. बता दें कि ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है लेकिन दुनिया के कई देशों से इस मामले में अभी हम पीछे हैं.

ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भारत बनेगा आत्मनिर्भर

संसद में कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के अकूत भंडारों की जानकारी देते हुए बताया " सिंगरौली के कोयला क्षेत्रों में दुर्लभ मृदा तत्वों के भंडार पाए गए हैं." ये भंडार मिलने के बाद भारत औद्योगिक क्षेत्र में रॉकेट की रफ्तार से विकास करेगा. गौरतलब है कि ग्रीन एनर्जी के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सिंगरौली में मिले ये भंडार अहम भूमिका निभाएंगे. सिंगरौली में काफी दिनों से कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) कोयला खदानों से निकलने वाले अपशिष्ट से दुर्लभ मृदा तत्वों को लेकर कई टीमें रिसर्च में जुटी हैं.

कोल इंडिया लिमिटेड की रिसर्च जारी

कोयला व खान मंत्री जी किशन रेड्डी के अनुसार "सिंगरौली के कोयला क्षेत्रों में कोयला, मिट्टी, शेल, बलुआ पत्थर की रिसर्च के रिजल्ट आशा के अनुकूल आए हैं." रेड्डी ने कहा कि दुर्लभ मृदा अयस्क किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम हैं. बता दें कि कोल इंडिया लिमिटेड लंबे समय से कोयला के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए लगातार काम कर रहा है. इसके लिए स्वदेशी तकनीक और स्वदेशी संसाधनों पर नजर है.

 

 

भारत की चीन पर निर्भरता होगी कम

अब उम्मीद जताई जा रही है कि सिंगरौली में दुर्लभ अयस्कों के भंडार मिलने से भारत की निर्भरता अन्य देशों खासकर चीन पर न के बराबर हो जाएगी. ये सुखद खबर ऐसे समय में मिली है, जब दुनियाभर में ट्रेड वार का मामला गर्म है. टेरिफ को लेकर अमेरिका भारत को लगातार धमका रहा है तो वहीं चीन से भी भारत को डर है कि वह टेरिफ बढ़ा सकता है. फिलहाल स्थिति ये है कि भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र में दुर्लभ मृदा तत्वों के लिए हम अन्य देशों से आयात पर बहुत अधिक निर्भर हैं. इसमें भी चीन का नाम सबसे ऊपर है.

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News