सतना: मझगवां तहसील के खेरवा गांव में गुरुवार को एक नई स्टोन क्रेशर यूनिट लगाने को लेकर हुई जनसुनवाई में ग्रामीणों का दर्द और गुस्सा फूट पड़ा है। पहले से चल रही क्रेशर यूनिट से हो रही परेशानियों का हवाला देते हुए ग्रामीणों ने नई यूनिट का जमकर विरोध किया है। इस दौरान एक किसान ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए एसडीएम के सामने अपनी पगड़ी तक रख दी है।
ग्रामीणों ने किया विरोध
दरअसल यह जनसुनवाई प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मेसर्स चित्रकूट क्रशिंग कार्पोरेशन की प्रस्तावित नई यूनिट के लिए आयोजित की गई थी। कंपनी ने 5.164 हेक्टेयर भूमि पर सालाना 2.50 लाख क्यूबिक मीटर खनन की अनुमति मांगी है, जिसका ग्रामीणों ने एक सुर में विरोध किया है।
'धूल से सांसें और ब्लास्टिंग से हिल रहे घर'
जनसुनवाई में ग्रामीणों ने बताया कि मौजूदा क्रेशर से उनकी जिंदगी नर्क बन गई है। क्रेशर से उड़ने वाली धूल की मोटी परत पूरे गांव में फैल जाती है, जिससे सांस लेना दूभर हो गया है। दमा, श्वास और टीबी जैसी गंभीर बीमारियां गांव में तेजी से फैल रही हैं।
हमेशा बना रहता है जान का खतरा
किसानों ने आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा की जाने वाली हैवी ब्लास्टिंग से उनके घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और खेतों में बड़े-बड़े पत्थर आकर गिरते हैं, जिससे हमेशा जान का खतरा बना रहता है। धूल की वजह से फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और उत्पादन लगभग शून्य हो गया है। खनन के कारण गांव के कुएं, बावड़ी और हैंडपंप जैसे जलस्रोत भी सूख गए हैं, जिससे पीने के पानी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
किसान ने पगड़ी SDM के सामने रखी
जनसुनवाई के दौरान माहौल उस वक्त और भावुक हो गया है, जब एक बुजुर्ग किसान ने अपनी पगड़ी उतारकर एसडीएम महिपाल सिंह गुर्जर के सामने रख दी है। उसने हाथ जोड़कर गुहार लगाई कि नियम विरुद्ध चल रही पुरानी क्रेशर इकाई को बंद कराया जाए और किसी भी कीमत पर नई यूनिट को मंजूरी न दी जाए।
एसडीएम ने दिया आश्वासन
वहीं, एसडीएम गुर्जर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पटवारी से खनन और क्रेशर से संबंधित सभी दस्तावेज तलब किए हैं। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि पर्यावरण और जनहित को सर्वोपरि रखते हुए ही कोई उचित निर्णय लिया जाएगा।