पीपीपी मोड से जिला चिकित्सालय 675 बेड क्षमता के साथ शिक्षण अस्पताल के रूप में विकसित होगा
आरकेडीएफ ग्रुप संभालेगा जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं
सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल
बैतूल जिला अस्पताल अब और आधुनिक होने जा रहा है इसके लिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार को लेकर प्रदेश सरकार बैतूल जिला अस्पताल के लिए प्लानिंग कर ली है, जिसके तहत अब भोपाल का आरकेडीएफ समूह जिला चिकित्सालय का उन्नयन कर उसे 675 बेड क्षमता वाले शिक्षण अस्पताल के रूप में विकसित करेगा। जानकारी के अनुसार इसके लिए उपमुख्यमंत्री सहित प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की एक बैठक भी इस प्लानिंग को लेकर हाल ही में हुई है। जिला अस्पताल इलाज के साथ-साथ अब शिक्षा के क्षेत्र में भी कदम रखने जा रहा है। मेडिकल कॉलेज एवं शिक्षण अस्पताल बैतूल की स्थापना राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशा-निर्देशों और निर्धारित मानकों के अनुरूप की जाएगी। आरकेडीएफ समूह जिला चिकित्सालय का उन्नयन कर उसे 675 बेड क्षमता वाले शिक्षण अस्पताल में विकसित करेगा। वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं में कोई व्यवधान उत्पन्न किए बिना अतिरिक्त सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। एमबीबीएस एवं एमडी पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए आरकेडीएफ समूह आवश्यक निवेश करेगा और पर्याप्त संकाय, डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
अस्पताल में कैथलैब, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी आधुनिक सेवाएं उपलब्ध होंगी
300 से बढक़र 675 होंगे बैड,आधुनिक मेडिकल इक्यूपमेंट से होगा लैस
जिला अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा। इसके लिए उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में इस संबंध में आयोजित बैठक में परियोजना की समीक्षा की और शीघ्र भूमि आवंटन सहित आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक और सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। बैतूल में मेडिकल कॉलेज की स्थापना इसी दिशा में ऐतिहासिक कदम है। इसके अंतर्गत जिला अस्पताल का उन्नयन कर उसकी क्षमता 300 से बढ़ाकर 675 बैड की जाएगी। अस्पताल में कैथलैब, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी आधुनिक सेवाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और पीजी पाठ्यक्रम संचालित होंगे। विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल और स्टाफ के लिए आवासीय परिसर भी बनाए जाएंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने कहा कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण काम जल्द प्रारंभ किया जाएगा ताकि जिले के नागरिकों को समय पर आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थानीय स्तर पर आने वाली किसी भी समस्या का समाधान शासन-प्रशासन द्वारा तत्काल किया जाएगा। बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल, भैंसदेही विधायक महेन्द्र सिंह चौहान और मुलताई विधायक चन्द्रशेखर देशमुख भी मौजूद रहे।
शीघ्र प्रारंभ किया जाए मेडिकल कालेज का काम
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ,बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने बैठक में कहा कि मेडिकल कॉलेज का कार्य प्राथमिकता पर शीघ्र प्रारंभ किया जाए, ताकि जिले के नागरिकों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि स्थानीय स्तर पर कोई समस्या आती है तो उसका समाधान तत्काल शासन-प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। आरकेडीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. सुनील कपूर ने कहा कि निर्माण कार्य एक वर्ष की अवधि में पूर्ण कर लिया जाएगा, ताकि आगामी शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस एवं पीजी पाठ्यक्रम प्रारंभ हो सके।
एक साल में तैयार होगा
परियोजना का काम आरकेडीएफ ग्रुप को सौंपा गया है। यह समूह 25 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाएगा। कंपनी ने भरोसा जताया है कि एक साल में निर्माण पूरा कर अगले सत्र से एमबीबीएस और पीजी कोर्स शुरू कर दिए जाएंगे।
यूजी-पीजी पाठ्यक्रम होंगे संचालित
मेडिकल कॉलेज एवं शिक्षण अस्पताल बैतूल की स्थापना राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशा-निर्देशों और निर्धारित मानकों के अनुरूप की जाएगी। आरकेडीएफ समूह जिला चिकित्सालय का उन्नयन कर उसे 675 बेड क्षमता वाले शिक्षण अस्पताल में विकसित करेगा। वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं में कोई व्यवधान उत्पन्न किए बिना अतिरिक्त सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। एमबीबीएस एवं एमडी पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए आरकेडीएफ समूह आवश्यक निवेश करेगा और पर्याप्त संकाय, डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। आरकेडीएफ समूह परियोजना प्रारंभ होने के 90 दिनों के भीतर शासन को विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा, जिसमें निर्माण और उन्नयन की समयसीमा, डिज़ाइन, गुणवत्ता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया एवं लागत का संपूर्ण विवरण शामिल होगा। गौरतलब है कि इसी वर्ष प्रदेश सरकार ने 10 जिला अस्पतालों को पीपीपी मोड पर देकर मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को भारी विरोध के बाद वापस ले लिया था। कुल मिलाकर जिला अस्पताल में मेडिकल सुविधाएं अब और हाईटैक हो जाएंगी।