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धरातल पर अभी भी नहीं हो पाया है 660 मेगावाट इकाई का निर्माण कार्य शुरू

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तेरह वर्ष में तीन बार इकाई स्थापित की घोषणा और दो बार भूमि पूजन हो चुका – इलियास

धरातल पर अभी भी नहीं हो पाया है 660 मेगावाट इकाई का निर्माण कार्य शुरू

सारनी। विद्युत नगरी सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित किए जाने को लेकर अखबार सोशल मीडिया और चैनलों में जमकर बवंडर मचाने का काम किया जा रहा है,जबकि 13 वर्षों में तीन बार इकाई स्थापित किए जाने की घोषणा और दो बार भूमि पूजन करने का कार्य भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के माध्यम से किया जा चुका है। उसके बाद भी सारनी में इकाई धरातल पर अभी तक निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है और विकास कार्य में कांग्रेस के पदाधिकारी को अवरोध बताने का काम करने का कार्य किया जा रहा है,यह बात कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद इलियास ने अनौपचारिकता के तौर पर पत्रकारों से चर्चा व्यक्त करते हुए कहा है,उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2025 तक भाजपा के प्रदेश के मुख्यमंत्री के माध्यम से तीन बार सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित किए जाने की घोषणा और दो बार इसका भूमि पूजन करने का कार्य किया जा चुका है। कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद इलियास ने आरोप लगाते हुए बताया कि 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई विद्युत नगरी सारनी में स्थापित किए जाने के लिए 8 सितंबर 2022 को नया समाज कल्याण केंद्र में जनसुनवाई भी की जा चुकी है और इस जनसुनवाई में ब्राह्मणवाद रैट जो सरकारी भूमि में आता है उसमें सभी तरह की आपत्तियों का निराकरण किया जा चुका था उसके बाद विद्युत नगरी सारनी में 13 साल का लंबा समय इकाई के स्थापित होने में लगा है जबकि 27 अक्टूबर 2012 को राज्य सरकार के माध्यम से सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई विस्तार यूनिट क्रमांक 12 की स्वीकृति दी जा चुकी थी, जबकि राज्य सरकार के माध्यम से कैबिनेट की बैठक में 22 सितंबर को 11हजार 678 करोड रुपए की मंजूरी देने का कार्य किया है इस मंजूरी में भी कैबिनेट के माध्यम से कहा गया है कि ताप विद्युत गृह सारनी में जो 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित होगी उसमें 20 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार देगी वह भी वर्ष 2031 तक जबकि 80 प्रतिशत की राशि मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को स्वयं के स्रोत से एकत्रित करने का कार्य किया जाना है, जबकि केंद्र और राज्य सरकार भारतीय जनता पार्टी की है और उनकी गलत नीतियों के कारण विद्युत नगरी सारनी में नई इकाई स्थापित नहीं हो रही है और अपनी असफलता कांग्रेस के सर पर फोड़ने का काम सत्ता पक्ष के नेताओं के माध्यम से किया जा रहा है जो न्याय संगत नहीं उन्होंने आमला विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे से कुछ सवाल किए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके माध्यम से ताप विद्युत गृह सारनी में 660 मेगावाट की इकाई स्थापित किए जाने को लेकर उनके माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है और उन्हें सफलता भी मिल रही है कांग्रेस इसका स्वागत करती है।लेकिन उनके माध्यम से सुखाढाना में 25 एकड़ भूमि में 11 करोड रुपए की लागत से 78 लघु उद्योग स्थापित किए जाने के लिए उद्योग औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया था जिसका अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह उद्योग स्थापित होंगे या नहीं उसके बाद भाजपा के ही नेताओं ने सोशल मीडिया अखबार और न्यूज़ चैनल में बवंडर मचाने का काम किया की सारनी में सीमेंट की फैक्ट्री आएगी और एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन अभी तक ना तो सारनी में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित हुई ना सीमेंट की फैक्ट्री से रोजगार मिल पाया और ना ही सुखाढाना मे औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग स्थापित हो पाया इससे यह प्रतीक होता है कि भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में भारी अंतर है और अपनी असफलता का ठीकडा कांग्रेस के ऊपर फोड़ने का काम किया जा रहा है जो अच्छी बात नहीं है उन्होंने कहा कि बैतूल जिले में सन 1996 से लेकर वर्तमान समय तक सांसद भाजपा के हैं वर्तमान समय में जिले के पांचो विधानसभा में विधायक भाजपा के हैं उसके बाद रोजगार के संसाधन विद्युत नगरी सारनी के अलावा संपूर्ण जिले में स्थापित नहीं हो पा रही है इसमें असफलता किसकी है यह संपूर्ण जिले का मतदाता आने वाले विधानसभा में तय करें।

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