रीवा। शिक्षकों का काम बच्चों को ज्ञान और संस्कार देने का होता है। वहीं, रीवा जिले के गंगेव ब्लॉक अंतर्गत ग्राम आवी में एक शिक्षक खुद शिक्षक के हिंसक व्यवहार का शिकार बन गया। मामला 21 जुलाई का है, जब प्राथमिक विद्यालय आवी में पदस्थ प्रधानाध्यापक दयाशंकर त्रिपाठी ने विद्यालय में ही कार्यरत शिक्षक बाल्मिक प्रसाद तिवारी के साथ बेरहमी से मारपीट कर दी। घटना उस समय हुई जब बाल्मिक तिवारी कक्षा में प्रवेश फार्म से संबंधित कार्य कर रहे थे।
बताया गया कि दयाशंकर त्रिपाठी अचानक कक्षा में पहुंचे और बाल्मिक तिवारी पर हमला बोल दिया। मारपीट इतनी जबरदस्त थी कि शिक्षक की एक उंगली टूट गई और हाथ-पैर के अलावा सीने में गंभीर चोटें आईं। आसपास के लोगों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह शिक्षक की जान बच सकी। घायल अवस्था में तिवारी ने थाने में लिखित शिकायत दी, जिसके आधार पर मामला संज्ञान में लिया गया। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में जांच टीम गठित की थी। टीम ने विद्यालय जाकर पूछताछ भी की, लेकिन कई दिन बीत जाने के बावजूद न तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई और न ही आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की गई।
न्याय न मिलने से आहत पीड़ित शिक्षक बाल्मिक प्रसाद तिवारी ने अब कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलता तो वे इच्छामृत्यु की अनुमति चाहते हैं। शिक्षक का यह दर्द शिक्षा व्यवस्था में प्रशासनिक उदासीनता पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। पीड़ित शिक्षक अब भी डरे और सहमे हुए हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और उन्हें न्याय दिलाएगा।