NANO SPORTS: tata मोटर ने फिर ऑटोमोबाइल की दुनिया में अपने बेस्ट कार लांच करने का इरादा किया है इस बार काम कीमत में बेस्ट कार लांच करने पर विचार किया है बता दे की टाटा मोटर अपना एक नया नैनो मॉडल लांच करने वाला है इस कार में फीचर्स भी कुछ नए अपग्रेड होंगे साथ साथ सेफ्टी का भी धयान रखा हुआ है अब alto से भी कम कीमत और अधिक माइलेज के साथ आएगी Mini Suv Tata Neno रतन टाटा ऑटोमोटिव उद्योग में सबसे प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्तियों में से एक हैं। उन्होंने हाल ही में नेनो लॉन्च करते हुए अपनी एक तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने नैनो को भारतीय बाजार में लॉन्च करने के पीछे का कारण भी लिखा।
टाटा मोटर ने फिर Nano को अपग्रेड कर nano से कम कीमत में नयी nano sport की लांच
हम बात कर रहे हैं नमक से सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा की। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में मुंबई में हुआ था और अब 85 साल के हो गए हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे रतन टाटा ने मिडिल क्लास के लिए इस सपने को देखा और यह बाद में बिखर गया। साल 2008 में दिखी झलक ऑटो एक्सपो 2008 में रतन टाटा ने पहली बार टाटा नैनो की झलक दुनिया को दिखाई।
कम कीमत में नयी nano sport की लांच
रतन टाटा एक सरल स्वभाव के इंसान है उन्हें दुसरो के प्रति काफी उदारता की भावना रहती है साथ में वह हमेशा अपना स्वाभाव निर्धन जैसे ही रखते है और हमेषा वह किसी ना किसी रूप में लोगो की मदद के लिए आगे एते है और वह उन्होंने हमेसा ही दुसरो की मदद की है उनका कहना है कि उन्हें नैनो का आइडिया तब आया जब उन्होंने देखा कि परिवार स्कूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। बच्चे को अक्सर पिता और मां के बीच सैंडविच किया जाता है और दोपहिया वाहन चौपहिया वाहनों की तुलना में कम सुरक्षित होते हैं, खासकर जब सतह गीली होती है। साल 2003 की बात है, जब उन्होंने बरसात के दिनों में चार लोगों के एक परिवार को स्कूटर पर देखा था।
रतन टाटा 1959 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर गए। इसने उन्हें खाली समय में सिखाया। सबसे पहले, वे दोपहिया वाहनों को सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे थे। आखिरकार, डूडल बिना दरवाजे डूडल बनाना और खिड़कियों वाले चौपहिया वाहन बन गए। तो, अनिवार्य रूप से यह एक टिब्बा छोटी गाड़ी थी। फिर उन्होंने आखिरकार फैसला किया कि यह एक कार होनी चाहिए। नैनो हमेशा सबके लिए थी।
Tata Motors ने 10 जनवरी 2008 को नैनो का अनावरण किया और 2009 में इसे लॉन्च किया गया। रतन टाटा द्वारा दिए गए वादे के अनुसार शुरुआती मूल्य लगभग 1 लाख रुपये था। कुछ लागत वृद्धि के बावजूद, ये कार 1 लाख रुपये में बेची गई थी, क्योंकि रतन टाटा ने कहा था “एक वादा एक वादा है”।
टाटा मोटर ने फिर Nano को अपग्रेड कर nano
रतन टाटा ने इस कार के बारे में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर लिखा ‘वास्तव में मुझे किस चीज ने प्रेरित किया, और इस तरह के वाहन का निर्माण करने की इच्छा जगाई, लगातार भारतीय परिवारों को स्कूटर पर देखते हुए, शायद बच्चा मां और पिता के बीच सैंडविच बन जाता था गया, जहां भी वे जा रहे थे। अक्सर फिसलन भरी सड़कों पर ऐसा देखा जाता था।
NANO SPORTS : टाटा मोटर ने फिर Nano को अपग्रेड कर nano से कम कीमत में नयी nano sport की लांच
पोस्ट में आगे लिखा था “स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में होने के फायदों में से एक यह था कि जब में फ्री था तब इसने मुझे डूडल बनाना सिखाया था। सबसे पहले, हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि दोपहिया वाहनों को कैसे सुरक्षित बनाया जाए। डूडल चार पहिये बन गए, कोई खिड़की नहीं, कोई दरवाजा नहीं, बस एक बुनियादी टिब्बा बग्गी, लेकिन मैंने आखिरकार फैसला किया कि यह एक कार होनी चाहिए। नैनो हमेशा हमारे सभी लोगों के लिए थी।
Tata Nano 624 cc, SOHC, द्विन-सिलेंडर पेट्रोल इंजन के साथ आयी थी, जिसे पीछे रखा गया था। इंजन ने 37 बीएचपी का अधिकतम पावर और 51 एनएम का पीक टॉर्क पैदा किया। इसे चार स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या एएमटी ट्रांसमिशन से जोड़ा गया था, जो पावर को केवल पिछले पहियों में स्थानांतरित करता था।
NANO SPORTS : टाटा मोटर ने फिर Nano को अपग्रेड कर nano से कम कीमत में नयी nano sport की लांच
हालांकि, रतन टाटा का ये सपना सच तो हुआ, लेकिन वो रंग नहीं लाया, जिसकी वे उम्मीद कर रहे हैं। इसके टैग की वजह से काफी सारे लोग इसे खरीदने नहीं आये। इस कार के गरीब की कार का टैग दे दिया गया, जिस वजह से ये मार्केट में ज्यादा नहीं चल पायी।
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