Suspend : दो कोलकर्मी की मौत के मामले में 6 सस्पेंड

प्रबंधक को बचाने छोटे कर्मचारियों पर की कार्यवाही,खदानों में मॉनिटरिंग नहीं होने से हो रही दर्दनाक घटनाएं

सारनी(हेमंत रघुवंशी) – वेकोलि की तवा 1 खदान में दो कोलकर्मियों की मौत और एक कोलकर्मी के घायल हो जाने से प्रबंधन में हड़कम्प मचा हुआ है। इस मामले में प्रबंधन को बचाने के लिए 6 छोटे कर्मचारियों पर निलंबन की कार्यवाही कर इतिश्री कर ली गई है।

पूर्व की घटनाओं से नहीं लिया सबक

वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड पाथाखेड़ा की भूमिगत खदानें मैं कई बार बहुत सी छोटे और बड़ी दुर्घटना घटी हो चुकी है। लेकिन वेकोलि प्रबंधन इन घटनाओं से सबक लेकर अपने कार्यों में सुधार कार्य नहीं करता है। और अक्सर वेकोलि प्रबंधन इन दुर्घटना के लिये छोटे कर्मचारियों पर निलंबन की कारवाई कर खाना पूर्ति करने का कार्य करता है ताकि वेकोलि प्रबंधन की जो लापरवाह अधिकारी है उन्हें बचाया जा सके।

यूनियन के दबाव में की गई कार्यवाही

ये कोई नई बात नहीं है कि जब जब वेकोलि प्रबंधन के खिलाफ मजदूर यूनियन संगठन और कोयला कामगार एकजुट दिखाई देते हैं तो प्रबंधन अपनी गलतियों को छुपाने के लिए छोटी कर्मचारी ऊपर कारवाई कर अपनी कार्रवाई इतिश्री कर लेता है। जबकि इस मामले में खदान अधीक्षक/प्रबंधक, उपक्षेत्रीय प्रबंधक की जिम्मेदारी तय होना चाहिए और उन पर कार्यवाही भी की जानी चाहिए। इन सब की जिम्मेदारी है कि समय-समय पर भी सब खदान में उतरकर संबंधित कार्य का निरीक्षण करें और उसमें कमी पाए जाने पर उसका सुधार करें।

ओव्हर मेन और माइइनिंग सरदार को किया निलंबितखदानों में ओवरमैन और माईनिंग सरदारों से उत्पादन के लिए प्रेशर बनाकर प्रबंधन सुरक्षा से खिलवाड़ कर उत्पादन करवाया जाता है। जिसके कारण ऐसी दर्दनाक घटनाएं होती है। यह निलंबन की कारवाई क्या केवल माइनिंग सरदार या ओवरमैन पर ही क्यों गई है। यदि इनकी गलती है तो फिर खान अधीक्षक/प्रबंधक पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? नियमानुसार इस पूरे प्रकरण की जांच करवानी चाहिए और जिन की लापरवाही सामने आई पर उन पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा किया नहीं गया है।

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