मुंबई : इन दिनों फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स-कन्हैया लाल टेलर मर्डर’ चर्चा में है। रिलीज से पहले यह फिल्म विवादों में घिर गई थी, मामला कोर्ट तक पहुंचा गया। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म पर रोक लगाने के मामले को कल (25 जुलाई) दिल्ली हाईकोर्ट में वापस भेजने की संभावना जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने नया आदेश पारित करने की बात कही
पीटीआई के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि वह 10-15 मिनट तक इस मामले की सुनवाई करेंगे और जरूरी आदेश पारित करेंगे। इसके बाद मामले को वापस दिल्ली हाईकोर्ट भेजा जा सकता है। दरअसल, याचिकाकर्ता जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आरोप लगाया कि फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद जावेद की याचिका भी हाईकोर्ट भेज सकते हैं। याचिकाकर्ता जावेद ने अपने मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी।
कोर्ट ने सुनी दोनों पक्षों की ये दलीलें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र द्वारा नियुक्त एक पैनल ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज के लिए छह कट और डिस्क्लेमर में बदलाव का सुझाव देते हुए एक आदेश पारित किया था, जिसका पालन करने का आश्वासन फिल्म मेकर्स की तरफ से सीनियर एडवोकेट गौरव भाटिया ने दिया है।वहीं मौलाना अरशद मदनी की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सीबीएफसी (CBFC) पैनल के कई सदस्य एक ही मौजूदा सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के सदस्य थे और उन्होंने ही फिल्म को मंजूरी दे दी। जस्टिस कांत ने जहां इस तरफ इशारा किया कि ऐसा सभी सरकारों में होता है और उनकी नियुक्तियों को चुनौती नहीं दी जा रही है। वहीं जस्टिस बागची ने कहा कि सरकार हमेशा एक एडवाइजरी पैनल रख सकती है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने रखा अपना पक्ष
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक पैनल द्वारा पारित आदेश के बारे में बताया था। जिसने फिल्म के सर्टिफिकेशन की समीक्षा की थी। तुषार मेहता ने कहा कि कुछ सीन्स में कट और बदलाव सुझाए गए थे। उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 19 (1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बिल्कुल धर्म-निरपेक्ष है।
मेकर्स का दावा मिल चुका था फिल्म को सर्टिफिकेट
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ के मेकर्स ने भी दावा किया कि उन्हें सीबीएफसी से सर्टिफिकेट मिल गया था। बोर्ड ने फिल्म में 55 कट लगाने का सुझाव दिया है और फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होने वाली थी। बताते चलें कि फिल्म से जुड़ा मामला कोर्ट में होने की वजह से यह रिलीज नहीं हो पा रही है। इस फिल्म की कहानी उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या पर है। जून 2022 में कथित तौर पर मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस ने कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी। इसी घटना पर फिल्म बनी है।