Success Story:आज हम बात कर रहे हैं लखनऊ की अनुष्का जायसवाल की, जिन्होंने वो किया जो बहुत कम लोग करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। जहां कॉलेज खत्म होने के बाद ज़्यादातर छात्र नौकरी की तलाश में निकल पड़ते हैं, वहीं अनुष्का ने कॉर्पोरेट जॉब को ठुकराकर खेती को अपना करियर बना लिया। आज वह 1 करोड़ रुपये सालाना की कमाई कर रही हैं और उनकी गिनती देश की सफल युवा महिला किसानों में होती है।
कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ी और थामी खेती की राह
अनुष्का ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। साल 2017 में कॉलेज प्लेसमेंट के दौरान उन्हें कई बड़ी कंपनियों से जॉब ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने एक भी ऑफर स्वीकार नहीं किया। उन्होंने बताया कि वह जीवन में कुछ अलग करना चाहती थीं, कुछ ऐसा जो उन्हें सुकून दे। उन्होंने फ्रेंच भाषा की पढ़ाई भी की, लेकिन मन न लगने पर वापस घर लौट आईं।
छत पर शुरू की थी खेती, आज बना लिया करोड़ों का कारोबार
घर आने के बाद अनुष्का ने अपनी छत पर टमाटर और कुछ सब्जियां उगाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका रुझान खेती की ओर बढ़ा और उन्होंने इस क्षेत्र की बारीकियां समझनी शुरू कीं। अनुष्का ने नोएडा स्थित हॉर्टिकल्चर इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षण लिया और 2020 में एक एकड़ जमीन पर पॉलीहाउस फार्म शुरू किया। आज उनके फार्म में लेट्ट्यूस, ज़ुकिनी, बोक चॉय, रेड कैबेज और पार्सले जैसी विदेशी सब्जियां उगाई जाती हैं, जो Blinkit, Big Basket और Lulu Hypermarket जैसे प्लेटफॉर्म्स पर बिकती हैं।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं अनुष्का
अनुष्का के पास पहले खेती का कोई पारिवारिक अनुभव नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे सीखने में पूरी मेहनत की। आज वह 25 से 30 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं और सालाना 210 टन बेल पेपर का उत्पादन करती हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं।
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जैविक खेती और सोलर सिंचाई से बढ़ी उपज
अनुष्का बताती हैं कि वे अपनी जमीन को समय-समय पर खुला छोड़ती हैं ताकि मिट्टी सांस ले सके और उपजाऊ बनी रहे। उनके फार्म में सोलर एनर्जी से सिंचाई की जाती है और किसी तरह के रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं किया जाता। उनकी खेती पूरी तरह ऑर्गेनिक है, जिससे सब्जियों की गुणवत्ता बेहतरीन बनी रहती है।





