Statement: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शारदीय नवरात्रि की 9 दिनों की उपवास साधना के बाद एक दिव्य दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में उनके समर्थक पहुंचे। इस दरबार के दौरान शास्त्री ने कई बड़े बयान दिए और अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे। उन्होंने भारत में जात-पात, ऊंच-नीच, छुआछूत और भेदभाव को मिटाने का संकल्प लिया।
शास्त्री के मुख्य बयान:
हिंदू राष्ट्र की बात:शास्त्री ने कहा कि भारत के हर युवा भाई-बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा, तभी हिंदू राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ बागेश्वर बाबा हिंदू राष्ट्र नहीं बना सकते, इसके लिए हर नागरिक को इस आंदोलन का हिस्सा बनना होगा।उनका मानना है कि भारत में केवल दो जातियाँ होनी चाहिए—अमीर और गरीब, ताकि देश का विकास हो सके और गरीबों के साथ अन्याय न हो।विवादित बयान और हिंदू राष्ट्र का समर्थन:शास्त्री हिंदू राष्ट्र के समर्थन में कई बार बयान दे चुके हैं।
24 जनवरी, 2024 को उन्होंने रायपुर में कहा था, “तुम मेरा साथ दो, मैं तुम्हें हिंदू राष्ट्र दूंगा।
11 मई, 2024 को उन्होंने संविधान में बदलाव की मांग की और कहा कि संविधान में संशोधन करके भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए।
वक्फ बोर्ड और सनातन हिंदू बोर्ड:24 सितंबर, 2024 को उन्होंने वक्फ बोर्ड की तरह सनातन हिंदू बोर्ड की मांग की। उन्होंने हिंदू मंदिरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए इस बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि यदि हिंदुओं ने अपने धर्म की रक्षा नहीं की, तो आने वाले समय में उनके घरों में भी मछली का तेल परोसा जाएगा।
लव जिहाद और NCERT विवाद:24 सितंबर, 2024 को NCERT की किताबों में मौजूद सामग्री को लेकर उन्होंने लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से इस प्रकार की किताबों को हटाने की मांग की।
बेटियों की सुरक्षा पर जोर:3 अक्टूबर, 2024 को उन्होंने कहा कि नवरात्रि की पूजा तभी सफल है, जब आप यह प्रण लें कि हर बेटी की इज्जत की रक्षा करेंगे। उन्होंने बेटियों के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लेने की अपील की।
शास्त्री के बयानों की अहमियत:
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लगातार अपने विवादित बयानों और हिंदू राष्ट्र के समर्थन में अपनी बेबाकी के कारण चर्चा में रहते हैं। उनके विचारों में धार्मिक सुधार, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करना और भारतीय संस्कृति की सुरक्षा जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। उनके समर्थक उन्हें एक धार्मिक और सांस्कृतिक योद्धा के रूप में देखते हैं, जबकि आलोचक उनके बयानों को विवादास्पद मानते हैं।
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