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State Government Survey : आपराधिक जनजाति की सूची से बाहर लोगों के सर्वे में बैतूल नहीं

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मुफ्त सुविधाएं देने से पहले 51 जातियों की होगी पड़ताल

State Government Surveyभोपाल ई-न्यूज – आपराधिक जनजातीय अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871) से बाहर हुईं मप्र की 51 जातियों का पहली बार राज्य सरकार सर्वे कराने जा रही है। जिसकी शुरुआत 31 अगस्त को भोपाल-इंदौर समेत आठ जिलों से होगी, लेकिन फिलहाल इसमें बैतूल का नाम नहीं है। इस सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कि मप्र में इन विमुक्त जातियों के कितने लोग रहते हैं, कुल आबादी कितनी है और उनकी ताजा स्थिति कैसी है। इसी के बाद मुफ्त पीएम आवास, फ्री कोचिंग, इलाज के लिए आयुष्मान का पंजीयन और आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूहों को 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने यह स्कीम लागू की है, जिसकी कवायद में मप्र जुटा है। सर्वे का काम मप्र जन अभियान परिषद को दिया गया है। साथ ही चार करोड़ रुपए का बजट भी मंजूर किया है। भोपाल-इंदौर के अलावा उज्जैन, रायसेन, देवास, धार, मंदसौर और कटनी में यह सर्वे होगा। संबंधित विभाग का कहना है कि इन जिलों में विमुक्त, घुमक्कड़ व अर्द्धघुमक्कड़ आबादी सर्वाधिक है। गौरतलब है कि बैतूल में भी बड़ी संख्या में यह आबादी है। इसके बावजूद बैतूल को शामिल नहीं किए जाने से यहां निवास कर रहे इस आबादी को पूर्ण लाभ नहीं मिल पाएगा।

खानाबदोश को भी मिलेंगे घर | State Government Survey

क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1871 के तहत तब की ब्रिटिश सरकार ने खानाबदोश जनजातियों को अपराधी घोषित कर दिया था। स्वतंत्रता के बाद इस एक्ट को अगस्त 1949 में रद्द कर दिया गया। नया एक्ट आया, जिसे आदतन अपराधी अधिनियम 1952 कहा गया। इसी दौरान मप्र की 51 खानाबदोश-अर्द्धखानाबदोश जातियों को आपराधिक जातियों की सूची से बाहर कर दिया गया। इसके बाद मप्र में विमुक्त, घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जाति अभिकरण का गठन 1996 में किया गया। साथ ही 51 जातियों को इसकी मान्यता मिली। साभार…

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