दीपावली के एक दिन पहले किन्नरों को घर बुलाकर कराया भोजन
बैतूल – Special Diwali Celebration – समाज उन्हें अपना नहीं मानता इसलिए उन्होंने अपनी अलग दुनियां बना ली है। घर परिवार के बाद समाज से भी अलग-थलग रहकर अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लडऩे वाला किन्नर समुदाय का जीवन संघर्ष से भरा हुआ है। जिनके दिलों में सिर्फ प्यार और दुआएं है यह विडम्बना ही है कि उन्हें हमेशा अपनों के साथ-साथ समाज से भी दुत्कार मिली है।
इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोडऩे की पहल समाजसेवी एवं कर सलाहकार जगमोहन-सुनीति खण्डेलवाल की छोटी बेटी सी. ए. ज्ञाता खण्डेलवाल ने करते हुए इस दीवाली उन्हें अपने घर आने का न्यौता देकर की। खंजनपुर में रहने वाले किन्नर समुदाय ने ज्ञाता के आमंत्रण को स्वीकार किया और दीपावली के एक दिन पहले वे श्री खण्डेलवाल के निवास पर पहुंचे। यहां परिवार से मिली आत्मीयता, सम्मान और प्यार से किसी की आंखे नम थी तो कोई नि:शब्द था।
ज्ञाता ने बताया कि उनके दादाजी हमेशा गीतापाठ करते थे। वे हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से प्रेरित करते हुए कहते थे कि अपने परिवार के अलावा भी दूसरों के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। दादाजी की ये बातों का हमेशा अनुसरण करते हुए ज्ञाता यही कोशिश करती है कि वह कुछ ऐसा करे जिससे बदलाव आए और उसके किए गए कार्यों से लोग भी प्रेरित हो सकें। समाज से वंचित किन्नर समुदाय को दीपावली जैसे महापर्व पर परिवार की कमी महसूस न होने देना कहीं न कहीं ज्ञाता का बदलाव की दिशा में नेक एवं अनुकरणीय कदम है।

उनकी दुनियां ही को बस सम्मान और समानता की दरकार(Special Diwali Celebration)
समाज में रहकर भी समाज से बिलकुल अलग-थलग इस समुदाय को यदि दरकार है तो सिर्फ सम्मान और समानता की। परिवार से छूटने के बाद इन्होनें अपनी दुनियां बनाई और अपनी दुनियां के अपने रिश्ते। ये सुख हो या दुख सब आपस में साझा करते है।
किन्नरों के साथ त्योहार मनाने के पीछे ज्ञाता की बस एक ही मंशा है कि वह लोगों तक उनकी पीड़ा पहुंचाना चाहती है, जब समाज उनकी पीड़ा को समझेगा तभी उसका हल भी निकलेगा। ज्ञाता ने बताया कि अपने मेहमानों के वेलकम के लिए उन्होंने रंगोली डाली, घर को सजाया। जब दीपावली के एक दिन पहले सभी घर आए तो उनके साथ करीब दो घंटे पूरे परिवार ने बिताए। साथ में भोजन किया, उनके जीवन के कई पहलुओं पर चर्चा की।
इस दौरान समाजसेवी सीए सुनील हिराणी, बहन दिव्यज्योति खण्डेलवाल गर्ग, जीजाजी नमन गर्ग, वेद व कृषा गर्ग, वी. पी. गुप्ता, अंकित देशमुख, साहिल राठौर प्रमुख रुप से मौजूद रहे। ज्ञाता एवं खण्डेलवाल परिवार की इस पहल से प्रेरित होकर उक्त लोगों ने भी दीपावली पर सभी किन्नरों के लिए शुभकामनाएं एवं उपहार भेंट किए।

वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप लोगों से अपने लिए चाहते है(Special Diwali Celebration)
किन्नर समुदाय के साथ खण्डेलवाल परिवार ने आत्मीयता से भरपूर वक्त बिताया। इस अभिनव दीपावली मिलन को लेकर समाजसेवी एवं कर सलाहकार जगमोहन खण्डेलवाल ने बताया कि उनकी छोटी बिटियां हमेशा समाज के लिए कुछ न कुछ करने के लिए उत्साहित रहती है। पिछले कई वर्षों से वह शहर के गरीब परिवारों को दीपावली पर पूजन सामग्री, पटाखे और मिठाई भी वितरीत करती रही है।
इस बार जब उसने समाज से वंचित समुदाय को घर बुलाने का आग्रह किया तो वे स्वयं आमंत्रण देने ज्ञाता के साथ किन्नरों के आवास पर पहुंचे। बेटी के द्वारा जिस तरह से समाज के गरीब एवं जरुरतमंद लोगों की चिंता की जाती है उससे उन्हें गर्व होता है। इधर ज्ञाता ने बताया कि उसकी मंशा सिर्फ इतनी सी है कि जब हम अपने परिवार से कुछ दिन अलग होते है तो विचिलित हो जाते है तो यह वर्ग जिसे परिवार और समाज दोनों ने दुत्कार दिया है उसकी पीड़ा को समझना क्यों जरुरी नहीं समझा जाता।
हमें हमेशा ऐसा व्यवहार लोगों के साथ करना चाहिए जो हम हमेशा अपने लिए दूसरों से चाहते है। उनके दिलों में सिर्फ प्यार और दुआएं है, जिन्हें लुटाने के बाद भी वह अकेले है। ऐसे लोगों का आत्मविश्वास, सम्मान और वे भी इसी समाज का हिस्सा है इसी भावना के साथ ज्ञाता के द्वारा की गई पहल की सराहना की जा रही है।