सोयाबीन खरीदी कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा
Soybean: मध्य प्रदेश में करीब 25 साल बाद सोयाबीन की सरकारी खरीदी होने जा रही है। सोयाबीन उत्पादक किसानों के आंदोलन को देखते हुए, राज्य के कृषि मंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10 सितंबर को केंद्र सरकार को 4892 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन की खरीदी कराने का प्रस्ताव भेजा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रस्ताव को 24 घंटे के भीतर मंजूरी दे दी, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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सवाल: समर्थन मूल्य पर सोयाबीन बेचने के लिए किसानों को सबसे पहले क्या करना होगा?
जवाब: किसानों को सबसे पहले अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या एमपी ऑनलाइन सेंटर पर जाना होगा। वहां ई-उपार्जन पोर्टल पर CSC कर्मचारी किसान का आधार नंबर दर्ज करेंगे, जिससे किसान के मोबाइल पर OTP आएगा। OTP दर्ज करने के बाद किसान की खेती से जुड़ी पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। इसके बाद किसान को अपनी फसल का विवरण दर्ज कराना होगा। इसके अलावा, किसान खुद भी MP Kisan ऐप का उपयोग करके पंजीयन कर सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 25 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चलेगी।
सवाल: पंजीयन के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे?
जवाब: पंजीयन के लिए किसान को अपना आधार नंबर और बैंक पासबुक की आवश्यकता होगी।
सवाल: खरीदी कब से शुरू होगी और क्या मूल्य मिलेगा?
जवाब: केंद्र सरकार की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी (एफएक्यू) मानक की सोयाबीन की खरीद 4892 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होगी। खरीदी 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक चलेगी।
सवाल: एफएक्यू क्या है?
जवाब: एफएक्यू का मतलब है फेयर एवरेज क्वालिटी। यह कृषि उपज के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानक हैं, जिनमें फसल के दानों की गुणवत्ता, कचरे की मात्रा, और नमी का प्रतिशत शामिल है। यह सुनिश्चित करता है कि उपज निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप हो।
सवाल: एक किसान से कितनी सोयाबीन खरीदी जाएगी?
जवाब: सरकार ने तय किया है कि किसान के कुल उत्पादन का केवल 40 प्रतिशत सोयाबीन ही खरीदी जाएगी। हालांकि, प्रत्येक किसान के लिए कितनी लिमिट होगी, इसकी जानकारी अभी सरकार द्वारा नहीं दी गई है।
सवाल: खरीदी केंद्र कहां-कहां बनाए जाएंगे?
जवाब: जिला स्तरीय उपार्जन समिति द्वारा जिले में खरीदी केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां किसानों की फसल की खरीद होगी।
सवाल: किसानों को उपज बेचने के बाद पेमेंट की क्या व्यवस्था होगी?
जवाब: किसानों को उनकी उपज का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से किया जाएगा।
सवाल: केंद्र सरकार किस एजेंसी के जरिए खरीदी कराएगी?
जवाब: केंद्रीय एजेंसियां जैसे नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) प्रदेश में मार्कफेड के जरिए सोयाबीन की खरीदी करेंगी। ये एजेंसियां राज्य में एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेंगी।
सवाल: एमपी में सोयाबीन खरीदने के बाद इसके भंडारण की क्या व्यवस्था होगी?
जवाब: सोयाबीन का भंडारण एमपी राज्य वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा उपलब्ध कराए गए गोदामों में किया जाएगा।
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