Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

Soyabean Variety – सोयाबीन की इन किस्मो की करे खेती, होगा बम्पर उत्पादन  

By
On:

सोयाबीन की खेती करने का यही है सही समय इन किस्मों का करें इस्तेमाल  

Soyabean Varietyभारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ अलग अलग समय पर मौसम के अनुसार कई फसलों की बुवाई की जाती है। ऐसे में देखा जाए तो इस समय सोयाबीन(Soyabean Variety) की खेती करने की तैयारी चल रही है किसान भाई अब सोयाबीन की बुवाई करने वाले हैं। जिसके लिए वो अच्छे और बेहतर किस्म की सोयाबीन वैरायटी चुनेंगे।

इसलिए आज हम आपको सोयाबीन की 5 उन्नत किस्मों के बारे में बताने वाले हैं जिससे की सोयाबीन की बम्पर पैदावार होगी। दरअसल भारत में सोयाबीन खरीफ की फसल के अंतर्गत आती है। भारत में सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में होती है। मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 प्रतिशत है।

ये हैं सोयाबीन की वो पांच वैरायटी 

BS – 6124 | Soyabean Variety 

सोयाबीन की यह किस्म बुवाई के लिए बीज की मात्रा 35-40 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त होती है। बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 20-25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म से सोयाबीन की फसल 90-95 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म में फूल बैंगनी रंग के और पत्ते लंबे होते हैं।

MACS 1407 

सोयाबीन (Soyabean) की नई ‘MACS 1407’ किस्म की बुवाई के 43 दिन बाद पौधे में फूल आते हैं, जबकि फसल पकने की अवधि कुल 104 दिन है। पौधे में लगने वाले फूल का रंग सफेद होता है, वही बीज पीला तथा बीज की नाभि काले रंग की होती है। इन नए बीज से किसानों को उत्पादन ज्यादा मिलेगा, क्योंकि कीटों का प्रभाव नहीं होने से फसल पुष्ट और सेहतमंद होगी।अगले सीजन से किसानों को इसका बीज मिलना शुरू हो जाएगा।

MACS 1407 | Soyabean Variety 

सोयाबीन (Soyabean) की यह नई उन्नत किस्म एमएसीएस (MACS) 1407 को पुणे स्थित अघरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट ने तैयार किया है। यह रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्वायत्त संस्था है। यह संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के तहत काम करता है। इस नई वेरायटी के बारे में केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से भी जानकारी दी गई है। नई वेरायटी के बीज अगले खरीफ सीजन में किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे।

RVSM 

इस किस्म RVSM Soybean Varieties के इन गुणों को देखते हुए लगभग 70 किलो प्रति हेक्टेयर बीज दर रखने, लाइन से लाइन की दूरी 14″ से 16″ रखने, आदर्श पौधों की संख्या 4.5 से 5.5 लाख पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर रखने तथा आदर्श कृषि कार्यमाला अनुसार कृषि कार्य करने पर आदर्श परिणाम सामान्य परिस्थितियों में 22 से 24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन। किंतु व्यावहारिक रूप से किसानों द्वारा गत वर्षों में लिए गए वास्तविक अधिकतम उत्पादन का आंकड़ा इस किस्म में 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व इससे अधिक भी बताया गया है।

RVSM 1135 | Soyabean Variety 

सोयाबीन (Soyabean) की RVSM 1135 RVSM उन्नत किस्म मध्यम अवधि की उच्च उत्पादन क्षमता एवं असाधारण व्याधि एवं कीट निरोधकता वाली सोयाबीन किस्म परंपरागत पुरानी किस्मों से आगे निकल चुकी है। सोयाबीन की यह किस्म विपरीत जलवायु एवं परिस्थितियों में भी उच्च प्रतिरोधकता एवं सहनशीलता के कारण तथा उच्च उत्पादन क्षमता के गुण के कारण किसानों को अधिकतम सोयाबीन का उत्पादन एवं उसके अच्छे दाम किसान को प्रदान करेगी।

Source – Internet 
For Feedback - feedback@example.com

Related News

Leave a Comment

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News