Sources of income: आय के स्रोतों की जानकारी न होना आपको गंभीर परेशानी में डाल सकता है, खासकर आयकर विभाग की नजरों में। यदि आप अपनी आय के स्रोतों का सही-सही विवरण नहीं देते हैं या आयकर रिटर्न में गलत जानकारी देते हैं, तो आयकर विभाग नोटिस भेजकर आपसे स्पष्टीकरण मांग सकता है। अगर सही समय पर जवाब नहीं दिया जाता, तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
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आय के स्रोतों की जानकारी क्यों जरूरी है:
कर विशेषज्ञों का कहना है कि प्रत्येक करदाता को अपने आय के विभिन्न स्रोतों की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। आय के मुख्य स्रोत के अलावा, गैर-व्यापारिक आय जैसे:
- बैंक ब्याज
- लाभांश
- कृषि आय
- मकान या दुकान किराया
- शेयर खरीदी-बिक्री
- प्लॉट या मकान की बिक्री से होने वाली आय
इन सभी स्रोतों से होने वाली आय का सही विवरण होना चाहिए और आयकर रिटर्न भरते समय सही जानकारी देनी चाहिए। यदि कोई जानकारी छूट जाती है या गलत होती है, तो आप आयकर विभाग के रडार पर आ सकते हैं।
टैक्सेशन के अलग-अलग ढंग:
- शेयर, म्युचुअल फंड, फ्यूचर, क्रिप्टोकरेंसी आदि से होने वाली आय पर अलग-अलग प्रकार से टैक्स लागू होता है।
- कैपिटल गेन लॉस (पूंजीगत लाभ/हानि) को अगले वर्षों में तभी समायोजित किया जा सकता है, जब आपने सही समय पर आयकर रिटर्न दाखिल किया हो।
एआईएस (Annual Information Statement) और फीडबैक:
- आयकर विभाग अब एआईएस (वार्षिक सूचना विवरण) के आधार पर आपकी आय और लेनदेन की जानकारी एकत्र करता है। अगर आपको लगता है कि इसमें कोई गलती है, तो आप फीडबैक दे सकते हैं।
- फीडबैक देने के बाद इसे वित्तीय संस्थानों को भेजा जाता है, ताकि सही और गलत की जानकारी की पुष्टि की जा सके और एआईएस को अपडेट किया जा सके।
निष्कर्ष:
सही आयकर रिटर्न भरना और आय के सभी स्रोतों की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है। इससे आप न केवल आयकर विभाग की नजरों में पारदर्शिता बनाए रखेंगे, बल्कि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से भी बच सकेंगे।
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