Solar plant: मप्र में पहली बार लगाएंगे 8000 मेगावाट का सोलर प्लांट

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40,000 करोड़ रुपये का किया जाएगा निवेश 

Solar plant: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश पहली बार नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। दोनों राज्य मिलकर मध्य प्रदेश के पांच जिलों—मुरैना, शिवपुरी, सागर, आगर, और धार में 8,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करेंगे। यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर संचालित होगा, जिसमें 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

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प्रमुख विशेषताएँ:

सौर ऊर्जा परियोजना का विस्तार:यह परियोजना 160 वर्ग किलोमीटर जमीन पर फैली होगी।प्रोजेक्ट की बिजली उत्पादन क्षमता 8,000 मेगावाट होगी, जो दोनों राज्यों की बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी।परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।सौर ऊर्जा वितरण:अप्रैल से सितंबर तक उत्पादित बिजली उत्तर प्रदेश को मिलेगी, जबकि अक्टूबर से मार्च तक बिजली मध्य प्रदेश को दी जाएगी।दोनों राज्यों में बिजली की जरूरतों का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए होता है, इस परियोजना से सिंचाई के लिए सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी।किसानों और आम जनता को राहत:सौर ऊर्जा के जरिए किसानों को 2.75 रु./यूनिट की दर से बिजली मिलेगी, जो कि मौजूदा दर 6 रु./यूनिट से काफी कम है।आम लोगों के लिए भी बिजली की दर 2.75 रु./यूनिट ही रहेगी, जिससे उन्हें भी राहत मिलेगी।बिजली की खपत और बचत:मध्य प्रदेश की औसत बिजली मांग मानसून के दौरान बढ़कर 17,336 मेगावाट तक पहुंच जाती है, जबकि उत्तर प्रदेश की मांग घटकर 21,174 मेगावाट हो जाती है।यह सौर परियोजना मध्य प्रदेश की एक दिन की जरूरत के बराबर बिजली मानसून के दौरान पैदा कर सकेगी।इस परियोजना से कोयले से बनने वाली बिजली की तुलना में प्रति 1,000 मेगावाट पर 554 करोड़ रुपये की बचत होगी।2030 तक नवकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक देश की नवकरणीय ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।इस परियोजना से भारत की 50% ऊर्जा जरूरतों को नवकरणीय स्रोतों से पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है।

परियोजना के लाभ:

यह दोनों राज्यों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ किसानों को सस्ती बिजली प्रदान करेगी, जिससे उनकी खेती की लागत में कमी आएगी।इस परियोजना से पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि यह सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करेगी, जो कोयले से बनने वाली बिजली की तुलना में पर्यावरण के लिए अधिक अनुकूल है। यह सौर ऊर्जा परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल दोनों राज्यों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि देश को नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई दिशा देगी। इसके साथ ही, किसानों और आम जनता के लिए सस्ती बिजली की उपलब्धता से आर्थिक राहत मिलेगी और बिजली की बचत होगी।