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Smuggling: मादक पदार्थों की तस्करी के लिए सेफ जोन बना मध्यप्रदेश

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लाकडाउन से लेकर अब तक मप्र से पूरे देश में जमकर सप्लाई हो रहा नशा

Smuggling: मध्यप्रदेश जिसे देश का दिल कहा जाता है, मादक पदार्थों की तस्करी के लिए एक सेफ जोन बनता जा रहा है। इंदौर और मालवा-निमाड़ क्षेत्र पहले से ही वैध-अवैध कारोबार के केंद्र रहे हैं, लेकिन अब यहां ड्रग्स जैसे हाई-प्रोफाइल अंतरराष्ट्रीय कारोबार का विस्तार हो गया है। अवैध सिगरेट, गुटखा, गांजे से लेकर एमडी ड्रग्स तक की तस्करी मप्र की धरती से संचालित की जा रही है।इसका प्रमाण समय-समय पर अन्य राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई में मिला है, लेकिन मप्र की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं, क्योंकि उन्हें इस बारे में बहुत कम जानकारी रहती है। यह भी आशंका है कि शायद प्रदेश में किसी का संरक्षण इन रैकेट्स को मिल रहा हो।हाल ही में गुजरात पुलिस के एटीएस और एनसीबी ने भोपाल में एक ड्रग्स फैक्टरी का खुलासा किया, जहां 1,814 करोड़ रुपये मूल्य की 907.09 किलो एमडी ड्रग्स जब्त की गई।

यह फैक्टरी एक औद्योगिक क्षेत्र में थी, जिसे 2017-18 में आवंटित किया गया था। मंदसौर के प्रेमसुख पाटीदार की गिरफ्तारी में उसके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और बांग्लादेश तक ड्रग्स की तस्करी के सुराग मिले हैं।मप्र को ड्रग्स तस्करी के लिए चुने जाने का कारण यह है कि पड़ोसी राज्यों, जैसे महाराष्ट्र और राजस्थान, में जांच एजेंसियों की सख्त निगरानी रहती है, जबकि मप्र में प्रशासनिक और पुलिस सतर्कता की कमी है।सवाल उठता है कि मप्र में ड्रग्स नेटवर्क को मजबूत करने वाला माफिया कौन है? इसका जवाब कोलंबिया के पाब्लो एस्कोबार के उदाहरण से समझा जा सकता है, जिसने सत्ता और सिस्टम के संरक्षण में वर्षों तक ड्रग्स का साम्राज्य चलाया। इसी तरह मप्र का कोई “पाब्लो” तो नहीं है जो ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को चला रहा हो?कोरोना काल में नशे के इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश तब हुआ, जब लॉकडाउन के दौरान मप्र से गुटखे के ट्रक पूरे देश में सप्लाई किए जा रहे थे। उस समय के कलेक्टर कार्यालय से 70 ट्रकों को विशेष पास दिए गए थे, जिससे गुटखा और सिगरेट अवैध रूप से ब्लैक मार्केट में बेचे गए। इस अवैध कारोबार में कर चोरी भी करीब 200 करोड़ रुपये की थी, और कुछ अधिकारियों के साथ माफिया के संपर्क प्रमाणित हुए थे।हालांकि, इस दौरान कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन अब जब मप्र ड्रग्स तस्करी में बदनाम होने लगा है, तो पुलिस द्वारा हाल ही में जानकारी दी गई कि जनवरी 2023 से अक्टूबर 2024 तक 7,886 लोगों को ड्रग्स के मामलों में गिरफ्तार किया गया है और 115 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।

 source internet साभार…

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