SIR: संसद के शीतकालीन सत्र में SIR (Special Intensive Revision) को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा था और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा था। दो दिनों तक बार-बार सदन स्थगित होने के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांग मान ली है। सरकार अब SIR पर खुली बहस कराने को तैयार हो गई है।
10 दिसंबर को होगी SIR पर चर्चा – सरकार का बड़ा फैसला
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बुधवार, 10 दिसंबर को SIR पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब सदन में लगातार जोरदार नारेबाज़ी और हंगामा हो रहा था। सरकार ने साफ कहा है कि वह SIR ही नहीं बल्कि पूरे चुनाव सुधार (Electoral Reforms) के मुद्दे पर व्यापक चर्चा करने के लिए तैयार है।
वंदे मातरम पर भी बहस की मांग, विपक्ष ने किया पलटवार
सरकार ने सदन में 150 साल पुराने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर बहस की भी मांग रखी थी। मंगलवार को इस मुद्दे को लेकर संसद में काफी शोर-शराबा देखने को मिला।
लेकिन विपक्ष का कहना है कि—
“पहले SIR पर चर्चा होगी, उसके बाद ही किसी और विषय पर बात।”
विपक्ष का आरोप है कि 12 राज्यों में मतदाता सूची के विशेष संशोधन की प्रक्रिया में गड़बड़ियां हुई हैं और इसलिए SIR पर बहस जरूरी है।
12 राज्यों की वोटर लिस्ट पर सवाल – क्यों बढ़ा विवाद?
विपक्ष का आरोप है कि 12 राज्यों में वोटर लिस्ट के SIR दौरान अनियमितताएँ हुई हैं, कई नाम हटाए गए या गलत तरीके से शामिल किए गए हैं।
वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि—
- SIR एक नियमित प्रक्रिया है,
- इसमें पारदर्शिता है,
- और विपक्ष बिना वजह मुद्दा राजनीतिक रूप दे रहा है।
सरकार का यह भी दावा है कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए वह किसी भी तरह की चर्चा से पीछे नहीं हटेगी।
19 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र, बड़ी बहस की तैयारी
संसद का यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। ऐसे में SIR और चुनाव सुधार पर होने वाली यह बहस बेहद अहम मानी जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
- यह चर्चा चुनाव सुधारों के भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
- मतदाता सूची, पारदर्शिता और चुनाव प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव सामने आ सकते हैं।





