Shubman Gill: भारतीय स्टार बल्लेबाज़ शुभमन गिल इन दिनों टी20 इंटरनेशनल में बेहद खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज़ के पहले दो मैचों में गिल सिर्फ 4 रन ही बना सके। 2026 टी20 वर्ल्ड कप से पहले उनकी यह फॉर्म टीम और फैंस दोनों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। इसी बीच गुजरात टाइटंस के हेड कोच आशीष नेहरा ने आलोचकों को सख्त जवाब दिया है।
शुभमन गिल की खराब फॉर्म को लेकर मची बहस
टी20 इंटरनेशनल में लगातार फ्लॉप हो रहे गिल पर सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है। पिछले 10 टी20 मैचों में गिल केवल 181 रन बना पाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट भी 140 से कम रहा है। एशिया कप में उप-कप्तान बनकर लौटे गिल से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन शुरुआती मैचों में उनकी नाकामी ने सवाल खड़े कर दिए।
नेहरा का पलटवार—“T20 में दो मैच कुछ साबित नहीं करते”
गुजरात टाइटंस के कोच और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज़ आशीष नेहरा ने गिल का खुलकर बचाव किया। नेहरा ने कहा कि टी20 जैसा अनिश्चित प्रारूप कुछ ही मैचों के आधार पर खिलाड़ियों को जज करने की अनुमति नहीं देता। उन्होंने कहा—“दो मैचों के बाद खिलाड़ी को जज करना गलत और खतरनाक आदत बनती जा रही है।”नेहरा ने बताया कि उन्होंने पिछले दो IPL सीज़न में गिल को नज़दीक से देखा है और उनकी बैटिंग को लेकर वह बिल्कुल चिंतित नहीं हैं।
“IPL तीन हफ्ते दूर हो तो भी चिंता नहीं…”
जब नेहरा से पूछा गया कि IPL में सिर्फ तीन महीने बचे हैं, ऐसे में क्या गिल की फॉर्म चिंता बढ़ाती है, तो उन्होंने हंसते हुए कहा—
“तीन महीने छोड़िए, IPL तीन हफ्ते बाद भी होता तो भी मैं परेशान नहीं होता।
दो मैच T20 में कुछ भी तय नहीं करते।”
नेहरा ने साफ कहा कि गिल ने अभी सिर्फ दो मैच खेले हैं, इसलिए इतनी जल्दी निष्कर्ष निकालना सही नहीं।
“भारत में आंकड़ों के आधार पर जज करना सबसे बड़ी दिक्कत”
नेहरा ने आगे कहा कि भारत में खिलाड़ी को सिर्फ आंकड़ों के आधार पर आंकना सबसे बड़ी समस्या है।
“अगर आप शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी को 2–3 मैच देखकर हटाना चाहेंगे, तो मुश्किलें बढ़ेंगी।”उन्होंने कहा कि टी20 में किसी भी बल्लेबाज़ का दो मैचों में फ्लॉप होना बड़ी बात नहीं।
नेहरा की चुटकी—“ओपनर चाहिए तो लोग लाइन लगाए बैठे हैं!”
नेहरा ने मज़ाक में कहा कि अगर लोग बदलाव ही चाहते हैं तो विकल्पों की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा—
“अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल को हटा दो, साई सुदर्शन और रुतुराज को ओपन करा दो।
अगर फिर भी हटाना है तो वाशिंगटन सुंदर और ईशान किशन को ओपन करा लो… विकल्प बहुत हैं!”
नेहरा का इशारा साफ था—बार-बार खिलाड़ियों को बदलने की मानसिकता भारतीय टीम को नुकसान ही पहुंचाएगी।




