हिचकोले खाते विदा हुए थे श्रीगणेश, अब गड्ढे वाली और खुदी हुई सडक़ों से होगा मातारानी का स्वागत…
गलत समय शुरू किए गए सडक़ों के निर्माण से बढ़ी परेशानियां, गड्ढों का नहीं हो रहा पेंचवर्क
सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल
गलत समय और गलत तरीके से शुरू हुए सडक़ों के निर्माण कार्यों ने पूरे बैतूल शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं बारिश के कारण गुणवत्ताहीन सडक़ों के गड्ढे दुबले पर दो अषाढ़ वाला काम कर रहे हैं, रहवासी, नागरिका, व्यापारी, वाहन चालक, स्कूल, कॉलेज के स्टूडेंट्स ऐसी कोई वर्ग नहीं है जो इन आधे-अधूरे निर्माण और सडक़ों के गड्ढों की भरमार से प्रभावित नहीं हुआ हो, ऊपर इसे गड्ढों के कारण आए दिन सडक़ों पर रोज हादसे हो रहे हैं।
त्यौहारी सीजन में गणेश उत्सव बुरी तरह प्रभावित रहा। गंज में बाबू चौक के पास बैठे गणेशजी की आरती और प्रसादी वितरण तक में परेशानियों का सामना भक्तों को करना पड़ा। वहीं उत्सवों में लगने वाला साजो-सामान कोठीबाजार से ही लोग खरीदते हैं लेकिन उस समय यहां व्हाईट टॉपिंग के निर्माण ने लोगों को खासा परेशान किया। सडक़ों के गड्ढों की बात करें तो भगवान श्रीगणेश हिचकोले खाते हुए विराजमान हुए और इसी तरह विदा हो गए। अब 22 सिंतबर से नवरात्र का 10 दिनी उत्सव शुरू हो रहा है। खुदी सडक़ों और बारिश से जर्जर गड्ढों वाली सडक़ पर मातारानी के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई हैं। शहर में प्रवेश का ऐसा कोई रास्ता नहीं है जिस पर गड्ढे न हों। नगरपालिका सीएमओ सतीश मटसेनिया ने कहा कि सडक़ों के गड्ढों का पेंचवर्क किया जा रहा है।
शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से होंगे शुरू, इस साल 9 नहीं 10 दिनों की रहेगी नवरात्र
मां दुर्गा की पूजा का महा उत्सव शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। 1 अक्टूबर को दुर्गा नवमी के साथ नवरात्रि का समापन होगा। इस बार ये पर्व 9 नहीं, 10 दिनों का होगा। ये अद्भुत संयोग लगभग 9 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की थी। इस साल नवरात्रि की चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी, इस कारण देवी पूजा के लिए भक्तों को एक अतिरिक्त दिन मिलेगा और भक्त 10 दिनों तक नवरात्रि मना पाएंगे। पंचांग के अनुसार, 25 और 26 सितंबर को दोनों दिन चतुर्थी तिथि रहेगी। नवरात्रि की समाप्ति के बाद इस बार दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
ज्योतिषों के मुताबिक, नवरात्रि की शुरुआत में मां दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व रहता है। ये वाहन नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन (वार) पर निर्भर करता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है। जब नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार को होती है, तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। हाथी को सुख-समृद्धि, धन-धान्य और खुशहाली का प्रतीक है। ऐसे में हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा के आने से देश और समाज के सुख-समृद्धि और उन्नति के योग बनेंगे।
शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि शुरू हो तो मां का वाहन अश्व (घोड़ा) पर, गुरुवार या शुक्रवार को डोली में और बुधवार को नौका से देवी का आगमन होता है। देवी के वाहनों के अलग-अलग फल बताए गए हैं।
नवरात्रि की खास तिथियां: 22 सितंबर: नवरात्र का पहला दिन, इसे घटस्थापना 25 सितंबर को इस दिन चतुर्थी तिथि यानी विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। 30 सितंबर को दुर्गा अष्टमी है। 1 अक्टूबर इस दिन दुर्गा नवमी है। 2 अक्टूबर इस दिन विजया दशमी है। ये दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत, शस्त्र पूजा और वाहन खरीदने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
हिचकोले खाते विदा हुए थे श्रीगणेश, अब गड्ढे वाली और खुदी हुई सडक़ों से होगा मातारानी का स्वागत…

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