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पनामा से शशि थरूर का पाक को संदेश: गांधी का देश अब सहन नहीं करेगा

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पनामा में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को एक बार फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि हमारा देश अब दूसरा गाल आगे नहीं बढ़ाएगा। हमारा देश किसी भी हमले का करारा जवाब देगा। भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए थरूर ने महात्मा गांधी की बिना किसी डर के जीने के संदेश का भी जिक्र किया।

 

'नापाक लोगों के बुरे हमलों के खिलाफ लड़ना है, जिसे दुनिया आतंकवादी कहती है'
थरूर ने कहा, 'महात्मा गांधी ने आजादी के लिए हमारे संघर्ष में अपने साहसी नेतृत्व में हमें यह भी सिखाया कि हमें हमेशा अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए। हमें हमेशा उन मूल्यों के लिए खड़ा होना चाहिए, जिन पर हम विश्वास करते हैं। हमें बिना किसी डर के जीना चाहिए। डर से निजात ही वह चीज है, जिसके लिए हमें भारत में इन दिनों लड़ना पड़ रहा है। हमें उन दुष्ट लोगों के खिलाफ लड़ना है, हमें ऐसे नापाक लोगों के बुरे हमलों के खिलाफ लड़ना है, जिसे दुनिया आतंकवादी कहती है।'

 

'…कोई भी स्वाभिमानी देश झुकेगा'
उन्होंने कहा, 'ऐसे दुष्ट लोग मानते हैं कि हमारे देश में आकर निर्दोष लोगों को मारकर और फिर से भागकर वे बच जाएंगे। उन्हें लगता है कि इस तरह की हरकत करके वे किसी तरह किसी बड़े राजनीतिक या धार्मिक मकसद को हासिल कर लेंगे।' थरूर ने कहा, 'यह ऐसा कुछ नहीं है, जिसके आगे कोई भी स्वाभिमानी देश झुकेगा। यहां तक कि महात्मा गांधी की भूमि भी ऐसा होने पर दूसरा गाल नहीं आगे बढ़ाएगी, हम जवाब देंगे।' 

'आप उन लोगों के लिए शोक नहीं मनाते, जिन्हें आप नहीं जानते'
'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में आगे बोलते हुए शशि थरूर ने भारत के ऑपरेशन के दौरान मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी झंडे, सैन्य अधिकारी और नेताओं की उपस्थिति के लिए पड़ोसी की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'जब हमने आतंकी मुख्यालय पर हमला किया तो कई खूंखार आतंकी मारे गए। निश्चित रूप से उनका अंतिम संस्कार भी किया गया। उस अंतिम संस्कार में कुछ बहुत ही प्रमुख लोग शामिल हुए। कम से कम एक व्यक्ति ऐसा था, जिसका नाम संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति की ओर से सूचीबद्ध किया गया था। वे पाकिस्तानी सेना और पुलिस के लिए सबसे खतरनाक क्षेत्रों से वर्दीधारी लोग थे, जो नामित आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शोक मना रहे थे। यह वह देश है, जो अब कहता है कि हम निर्दोष हैं। हमने ऐसा नहीं किया। आप उन लोगों के लिए शोक नहीं मनाते, जिन्हें आप नहीं जानते।'

'भारत को कमजोर करना और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना था मकसद'
शशि थरूर ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कहा कि इसका उद्देश्य भारत को कमजोर करना और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना था। यह आतंकी हरकत उन निंदनीय मकसदों के लिए थी, जो दुर्भाग्य से केवल पाकिस्तानी सेना ही हमारे देश को कमजोर करने, कश्मीरी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए हासिल करना चाहती है। देश और जम्मू-कश्मीर पर्यटन के साथ फल-फूल रही थी। मुझे मेरे मित्र, वाशिंगटन में भारतीय राजदूत ने बताया कि पहलगाम में कश्मीर के इस स्थान पर कोलोराडो के एस्पेन की तुलना में अधिक पर्यटक थे। 

राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से मुलाकात
इससे पहले दिन में शशि थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में पनामा गणराज्य के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो से मुलाकात की। थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बलयागी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर कलिता (भाजपा से), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू  शामिल हैं।

 

 

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