Set example: गुमनाम समाजसेवियों ने पेश की मिसाल

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10 रुपए स्वादिष्ट भरपेट भोजन करा रहे मुहैया

Set example: बैतूल। जिला अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजनों को 5 रुपए में भरपेट भोजन के लिए भोजन शाला संचालित की जा रही है। वहीं अब कुछ गुमनाम समाजसेवियों ने गरीबों को 10 रुपए में स्वादिष्ट भरपेट भोजन कराने की पहल शुरू की है। जिसका लाभ बाहर से आने वाले मरीजों के परिजनों को मिल रहा है और वे भोजन की सराहना भी कर रहे हैं। 10 रुपए में उन्हें सब्जी, रोटी, दाल, चावल और मीठा दिया जाता है। लगभग 100 लोगों के लिए प्रतिदिन शाम के समय 10 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता है।


गुमनाम कर रहे सेवा


जिला अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने प्रतिदिन शाम को 7 बजे एक वाहन आता है। जिसमें गर्म भोजन के साथ-साथ टेबल और बर्तन, पानी की केन के अलावा भोजन वितरित करने के लिए तीन लोग रहते हैं जो सामान उतारकर व्यवस्था जमाते हैं और 7 से 8 बजे के बीच लोगों को 10 रुपए में भोजन उपलब्ध कराते हैं। जैसे ही वाहन आता है भोजन के लिए लोगों की कतार लग जाती है। इस व्यवस्था को संभालने वाले समाजसेवी मनीष दीक्षित का कहना है कि जो लोग भोजन वितरण करवा रहे हैं वो लोग अपना नाम सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने इस कार्य को पितरपक्ष से शुरू किया था जो निरंतर जारी है।


जरूरतमंदों को स्वादिष्ट करा रहे भोजन


होटल और रेस्टोरेंट में जहां महंगे दाम पर भोजन मिलता है ऐसी स्थिति में यदि किसी को 10 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट भोजन मिल जाए तो वो इस कार्य की सराहना ही करेगा। ऐसा ही कुछ जिला अस्पताल के सामने देखने को मिल रहा है। दरअसल जिला अस्पताल में जिले भर से मरीज आते हैं और उनकी देखरेख के लिए परिजन मौजूद रहते हैं। उनके सामने भोजन की समस्या रहती है। हालांकि 5 रुपए का अगर वो कूपन कटा लेते हैं तो उन्हें भोजन शाला में भोजन मिल जाता है लेकिन समय पर कूपन नहीं कटा तो उन्हें बाहर भोजन करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उन्हें अधिक रुपए देने को मजबूर होना पड़ता है। लेकिन अब उन्हें 10 रुपए में गर्म और स्वादिष्ट भोजन जिला अस्पताल के गेट पर ही मिल रहा है।


सभी को मिल रहा भोजन


मरीजों के परिजनों के अलावा गरीब, मजदूर और जरूरतमंद लोगों को भी 10 रुपए में भोजन मिल जाता है। मनीष दीक्षित का कहना है कि किसी के लिए रोकटोक नहीं है। बस समय का ध्यान रखना पड़ेगा। शाम 7 से 8 बजे के बीच ही पहले आओ और पहले पाओ की तर्ज पर भोजन मिलेगा। क्योंकि भोजन सिर्फ 100 लोगों के लिए ही आता है। उन्होंने बताया कि केटरिंग का कार्य करने वाले बल्लू गुप्ता की टीम के द्वारा भोजन तैयार किया जाता है।