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दमोह में मौत का सिलसिला या साजिश? पति और बेटे की संदिग्ध मौतों से हड़कंप

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दमोह। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले महगवाकला गांव की रहने वाली एक महिला के पति और बेटे की छह महीने के अंदर मौत हो गई। पति का शव जंगल में मिला और बेटे का शव फंदे से लटका था, लेकिन पुलिस आज तक दोनों की मौत के कारण का पता नहीं लगा सकी। जिससे महिला दर-दर की ठोकरें खा रही है, क्योंकि मौत का कारण स्पष्ट न होने से उसे शासन की ओर से कोई सहायता राशि नहीं मिल पाई है।

आखिर कैसे हुई दोनों की मौत?

महिला के ससुर बुद्धू पिता मिट्ठू अहिरवार ने बताया कि जनवरी महीने में मेरा बेटा सत्ती अहिरवार 40 बकरियां लेकर जंगल गया था। शाम को बकरियां घर आ गईं लेकिन बेटा नहीं आया। खोजबीन करने पर उसका शव जंगल में पड़ा मिला। मैंने कुछ संदेहियों के नाम लिखवाए थे, लेकिन पुलिस ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की और न ही बेटे की मौत का कारण पता चला। वहीं, अप्रैल महीने में मैं और मेरी बहू एक रिश्तेदार के यहां शादी में गए थे, इस दौरान मेरा नाती अमित घर में अकेला था। सुबह वापस आए तो उसका शव घर के बरामदे में फंदे से लटका मिला। सूचना पर पुलिस की टीम पहुंची और जांच पड़ताल कर मृतक का फोन जब्त किया। लेकिन, आज तक उसकी भी मौत के कारण का खुलासा नहीं हो सका। पुलिस से मामले को लेकर बात करो तो वह कुछ जवाब नहीं देती है और थाने से भगा देती है। 

मेरा तो सब खत्म हो गया

सविता अहिरवार ने बताया, पति अच्छे-भले सुबह घर से गए थे, शाम को जंगल में उनका शव मिला। बेटा 19 वर्ष का था, घर में अच्छा-भला छोड़कर गए थे, लेकिन सुबह आए तो फंदे से उसका शव लटका मिला। पुलिस ने आज तक कोई जांच नहीं की। इसके अलावा आज तक शासन से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली, जबकि पति की मौत को सात माह होने को है। छह महीने के अंदर पति और बेटा दोनों छोड़कर चले गए। पुलिस ने आज तक दोनों घटनाओं के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि उनकी मौत कैसे हुई थी। न बेटे का फोन दिया, उसकी जगह दूसरा फोन दे रहे थे, जो मैंने वापस कर दिया।

क्या जांच हुई पता करता हूं 

तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी नीतेश जैन ने बताया कि महिला के पति की मौत का मामला उनके पदस्थापन से पहले का है। बेटे अमित की मौत के समय वे अवकाश पर थे। उपनिरीक्षक आरके गोस्वामी द्वारा फोन जब्त किया गया था। अभी तक क्या जांच हुई है, मैं जानकारी लेता हूं।

जानकरी लेता हूं

मृतक सत्ती अहिरवार का संबल कार्ड भी था। इस बारे में जनपद सीईओ मनीष बागरी का कहना है कि संबल कार्ड था तो महिला को अंत्येष्टि सहायता की राशि मिल जानी थी। क्यों नहीं मिली, मैं पंचायत सचिव से इसकी जानकारी लेता हूं।

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